नयी दिल्ली, अंजनी कुमार सिंह. झारखंड के धनबाद जिला (Dhanbad District) में स्थित झरिया के 15,425 परिवारों को हटाया जायेगा. विस्थापित होने वाले परिवारों को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 (Land Aquisition Bill 2013) के तहत मुआवजा का भुगतान किया जायेगा. केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में झरिया मास्टर प्लान (Jharkhand Master Plan) के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गयी. केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में यह बैठक हुई.
बैठक में झरिया के लोगों के पुनर्वास पर एक्सपर्ट कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट (Draft Report of Expert Committee on Jharia Rehabilitation) को केंद्रीय कैबिनेट सचव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूर कर लिया गया. सूत्रों के मुताबिक इसे जल्द ही कैबिनेट के पास भेजा जायेगा और वहां से मंजूरी मिलते ही इस पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. इस क्षेत्र में पुनर्वास के लिए वर्ष 2004, वर्ष 2017 और वर्ष 2019 के सर्वे रिपोर्ट में से वर्ष 2004 की सर्वे रिपोर्ट को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया.
ड्राफ्ट रिपोर्ट के तहत झरिया में पुनर्वास के लिए 556 जगहों की पहचान की गयी है, जिसमें से 81 में तत्काल पुनर्वास करने का लक्ष्य रखा गया है. ड्राफ्ट रिपोर्ट के अनुसार, वहां 32 हजार 64 परिवार के पास जमीन का मालिकाना हक है, जबकि 72 हजार 82 परिवार के पास जमीन नहीं है.
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सरकार ने तय किया है कि यह राष्ट्रीय आपदा है. ऐसे में विस्थापित होने वाले लोगों को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा दिया जायेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, चरणबद्ध तरीके से कुल एक लाख चार हजार 946 लोगों का पुनर्वास किया जाना है.
पुनर्वास योजना पर 6,000 करोड़ रुपये कोल इंडिया खर्च करेगी. इसके अलावा पहले से 4,000 करोड़ रुपये उपलब्ध है. इसके बाद भी यदि पैसे की कमी होगी, तो केंद्र सरकार या कोल इंडिया उसे वहन करेगी. प्रति परिवार को एकमुश्त 5 लाख रुपये और 50 हजार रुपये परिवहन पर होने वाले खर्च के तौर पर दिया जायेगा.
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साथ ही बैठक में तय किया गया कि पुनर्वास वाले इलाके में आधारभूत संरचना जैसे सड़क, रेल, पेयजल, बिजली की सुविधा मुहैया कराने का काम संबंधित मंत्रालय करेंगे. आजीविका के साधन भी संबंधित मंत्रालय मुहैया करायेंगे. साथ ही आजीविका के साधन के लिए लोगों को ट्रेंड किया जायेगा. इसके लिए कौशल विकास मंत्रालय जरूरी तंत्र विकसित करेगा.
जल्द ही कमेटी की अनुशंसा को मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जायेगा और मंजूरी मिलते ही पुनर्वास का काम शुरू कर दिया जायेगा. बैठक में कैबिनेट सचिव के अलावा कोयला सचिव अमृत लाल मीणा, भूमि संसाधन विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी हुकुम चंद मीणा, झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, कोल इंडिया के चेयरमैन, बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
झरिया मास्टर प्लान के तहत चिह्नित कुल 595 भू-धंसान व फायर साइट में 81 साइट सर्वाधिक खतरनाक हैं. फर्स्ट फेज में हाई रिस्क साइट से लोगों को अविलंब पुनर्वासित करना कोयला मंत्रालय की प्राथमिकता है. ऐसे में रिवाइज मास्टर प्लान को स्वीकृति मिलने के बाद इस पर अब तेजी से काम शुरू हो गया है.
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रिवाइज झरिया मास्टर प्लान के तहत 81 हाई रिस्क फायर साइट से कुल 15,425 परिवार हटाये जायेंगे. इनमें 1,896 लीगल टाइटल होल्डर, 12,656 नन लीगल टाइटल होल्डर व 900 बीसीसीएल परिवार शामिल हैं. एलटीएच व नन एलटीएच परिवारों को पुनर्वासित करने की जिम्मेदारी जेआरडीए व जिला प्रशासन की है. 900 कोयलाकर्मियों को हटाने की जिम्मेदारी बीसीसीएल को दी गयी है.