झुंपा लाहिरी की ‘लोलैंड’ ब्रिटेन के शीर्ष पुरस्कार के दावेदारों की सूची में शामिल
नयी दिल्लीः पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल की अमेरिकी उपन्यासकार झुंपा लाहिरी की किताब ‘लोलैंड’ का नाम ब्रिटेन के प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार बैलीज प्राइज के दावेदारों की अंतिम सूची में शामिल किया गया है. बैलीज पुरस्कार महिला लेखिकाओं द्वारा लिखे गए काल्पिनक उपन्यासों की श्रेणी में दिया जाने वाला ब्रिटेन का एकमात्र वार्षिक पुरस्कार […]
नयी दिल्लीः पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल की अमेरिकी उपन्यासकार झुंपा लाहिरी की किताब ‘लोलैंड’ का नाम ब्रिटेन के प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार बैलीज प्राइज के दावेदारों की अंतिम सूची में शामिल किया गया है. बैलीज पुरस्कार महिला लेखिकाओं द्वारा लिखे गए काल्पिनक उपन्यासों की श्रेणी में दिया जाने वाला ब्रिटेन का एकमात्र वार्षिक पुरस्कार है. ‘द लोलैंड’ उपन्यास सुभाष और उदयन नाम के दो भाइयों की कहानी पर आधारित है.
बैलीज वीमेन्स प्राइज फोर फिक्शन 2014 की अध्यक्ष हेलेन फ्रेजर ने ‘लोलैंड’ को ‘हृदयस्पर्शी एवं जीवंत उपन्यास, दो भाइयों और उनके अलग अलग राह चुनने की अविस्मरणीय कहानी बताते हुए कहा कि यह उपन्यास बताता है कि कैसे राजनीतिक जुनून जिंदगियां बर्बाद कर सकता है.’’ इस पुरस्कार को पहले औरेंज प्राइज के नाम से जाना जाता था. 4 जून को लंदन में विजेता की घोषणा की जाएगी और उसे 30,000 डॉलर का चेक दिया जाएगा.
पुरस्कार के लिए अंतिम सूची में शामिल दूसरे पांच उपन्यासों में चिमामांडा न्गोजी अदीची (नाइजीरिया) की ‘अमेरिकाना’, हाना केंट (ऑस्ट्रेलिया) की ‘बरियल राइट्स’, ऑड्रे मैजी(आयरलैंड) की ‘द अंडरटेकिंग’, इमियर मैकब्राइड (आयरलैंड) की ‘अ गर्ल इज अ हाफ-फॉम्र्ड थिंग’ और डोना टार्ट (अमेरिका) की ‘द गोल्डफिंच’ शामिल हैं.अदीची 2010 में अपने उपन्यास ‘हॉफ ऑफ अ यलो सन’ के लिए ओरेंज प्राइज फोर फिक्शन जीत चुकी हैं.पाकिस्तानी लेखिका फातिमा भुट्टो का उपन्यास ‘द शैडो ऑफ दि क्रेसेंट मून’ पुरस्कार के लिए 20 किताबों की लांगलिस्ट में शामिल था, लेकिन वह अंतिम सूची में जगह नहीं बना सका. झुंपा की किताब ‘द लोलैंड’ मैन बुकर प्राइज 2013 की अंतिम सूची में भी शामिल थी.