नयी दिल्ली/श्यामन : भारत ने चीन की धरती पर खड़े होकर उसे झुकने के लिए मजबूर कर दिया और आतंकवाद पर उसके अजीज दोस्त पाकिस्तान को घेरा. सोमवार से शुरू हुए ब्रिक्स समिट के घोषणापत्र में चीन के एतराज के बावजूद भारत की मांग पर आतंकवाद का मुद्दा शामिल किया गया. इसमें पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों- लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद का नाम लेकर उनकी निंदा की गयी. पहली बार ब्रिक्स देशों ने अपने घोषणापत्र में इन आतंकी संगठनों के नाम कस उल्लेख किया गया.
भारत के लिए बड़ी राजनयिक जीत के घटनाक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर व दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने इन संगठनों की आतंकी गतिविधियों की कड़ी निंदा की. यही नहीं इस समस्या से मिल कर लड़ने की प्रतिबद्धता जतायी. प्रधानमंत्री मोदी ने आतंक का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया. चीनी राष्ट्रपति समेत वहां मौजूद तमाम नेताओं ने उनका समर्थन किया. आतंक के खिलाफ लड़ने की इच्छा प्रकट की.
भारत: जीत के मायने
1. आतंक को बढ़ावा देने में लगे पाक को भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब किया.
2. चीन की इच्छा के विरुद्ध उसे साथ लेना भारत की कूटनीतिक की बड़ी जीत.
3. चीन के लिए जैश चीफ पर बैन की कोशिश को वीटो करना बेहद शर्मिंदगी की वजह बनेगा.
घोषणापत्र खास बातें
1. आतंक से निबटने के लिए हो तकनीक का इस्तेमाल
2. हथियारों की आपूर्ति और नशीली दवाओं की तस्करी पर लगाम
3. आतंकी ठिकानों को नष्ट करना, आतंकियों की भर्ती बैन करना