नयी दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिकागो विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक संबोधन की 125वीं वर्षगांठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के शताब्दी समारोह के अवसर पर विद्यार्थियों के एक सम्मेलन को आज संबोधित किया. इस सम्मेलन का विषय (थीम) यंग इडिया, न्यू इंडिया है. आइए जानें पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें…
#पीएम मोदी ने कहा किअगर आजादी के 75 साल मनाने हैं तो पहले गांधी, भगतसिंह-सुखदेव, सुभाष चंद्र और विवेकानंद के सपनों का हिंदुस्तान बनाना होगा.उन्होंने कहा कि कॉलेज में कितने डे मानए जाते हैं, क्या पंजाब कॉलेज ने तय किया कि केरल डे मनाएंगे? उनकी तरह कपड़े पहनेंगे, खेल खेलेंगे?.केवल भांगड़ा से पंजाब नहीं बनता.उन्होंने कहा कि गौरवगान आगे बढ़ने की प्रेरणा देने के लिए होना चाहिए, पीछे रुके रहने के लिए नहीं.
#पीएम मोदी ने कहा किहम आज विवेकानंद जी के भाषण के 125 साल, दीनदयाल जी की जन्म शताब्दी और विनोबा भावे जी की जयंती मना रहे हैं, हम संकटों से घिरे विश्व को तब कुछ दे पाएंगे जब अपने ऊपर गर्व करेंगे. 2022 में रामकृष्ण मिशन के 125 साल और आजादी के 75 साल होंगे, क्या हम कोई संकल्प ले सकते हैं. छात्र संघ के चुनावों में उम्मीदवार कई वादें करते हैं, कभी यह वादा नहीं करते कि कैंपस साफ रखेंगे. चुनाव परि णाम के बाद कैंपस गंदा नजर आता है. ज्ञान और कुशलता दोनों हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं.
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#पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने वन-एशिया का कॉन्सेप्ट दिया था, जो सांस्कृतिक विरासत से धन्य है, उसमें दुनिया की समस्याओं का समाधान करने की ताकत है.
#पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश की युवा पीढ़ी में वह जोश चाहिए जिससे इनोवेशन करे, बिना असफलता, सफलता नहीं मिलती. मैं चाहता हूं कि देश के नौजवान इनोवेशन लाएं और देश की समस्याओं का समाधान करें. स्वामी विवेकानंद ने कहा था वन एशिया…आज दुनिया कह रही है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है.पीएम ने स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित बताया.
#भारत के नौजवानों को जॉब सिकर नहीं, जॉब क्रिएटर बनना चाहिए. स्वामी विवेकानंद ने नॉलेज और ज्ञान को अलग किया. मेरे देश का नौजवान जॉब मांगने वाला नहीं, देने वाला बनना चाहिए.
#पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि विवेकानंद के संबोधन से पहले भारत की पहचान सांपों के देश, एकादशी पर क्या खाना-क्या नहीं खाना वाले देश के रूप में थी. स्वामी जी की सफलता का कारण था उनका देश के लिए आत्मसम्मान और आत्म गौरव. अगर हमारे मन में भारत के लिए आत्मसम्मान और आत्मगौरव हो तो विदेश जाकर यह न कहें कि लगता ही नहीं कि भारत है.विवेकानंद जी ने जमशेदजी टाटा से कहा था कि भारत में उद्योग लगाओ, टाटा ने माना कि स्वामी जी से उन्हें प्रेरणा मिला.
#पीएम मोदी ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं हमें वंदे मातरम कहने का हक है क्या ? सारा कचरा भारत मां पर फेंकें और फिर वंदे मातरम बोलें? हमारी भारत माता सुजलाम सुफलाम भारत माता हैं, सफाई करें या न, गंदा करने का हक नहीं…कभी-कभी हमें लगता है कि बढ़िया अस्पताल और डॉक्टरों की वजह से हम स्वस्थ हैं, ऐसा नहीं है, हम स्वस्थ सफाई करने वालों की वजह से हैं.पीएम मोदी ने कहा कि पहले शौचालय, फिर देवालय.
#पीएम मोदी ने कहा कि विवेकानंनद जी सिर्फ उपदेश देने वाले नहीं रहे, उन्होंने विचार और आदर्शवादिता को मिला कर फ्रेमवर्क बनाया और रामकृष्ण मिशन को जन्म दिया, विवेकानंनद मिशन को नहीं. रामकृष्ण मिशन के भाव में कुछ बदलाव नहीं आया. क्या कभी दुनिया में किसी ने सोचा है कि किसी लेक्चर के 125 वर्ष मनाए जाएं?. यहां इतनी ताकत से वंदे मातरम सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. उन्होंने देश की जनता से पूछा कि क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है ?पीएम मोदी ने कहा कि पान खाकर थूकने वालों को क्या वंदे मातरम कहने का हक है? सफाईकर्मी को वंदे मातरम कहने का पूरा हक है…
#पीएम मोदी ने कहा कि जो उनके भीतर मानव नहीं देख पाते, तो क्या स्वामी विवेकानंद के उन शब्दों पर ताली बजाने का हमको हक है, यह सोचना होगा. गर्व होता है जब किसी से कहता हूं कि मेरे देश के रवींद्र नाथ टैगोर ने श्रीलंका, बांग्लादेश का राष्ट्रगान उन्होंने बनाया.
#पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत के भीतर बात करते थे तो हमारी बुराइयों को जमकर कोसते थे. जब पूजा-पाठ का महत्व ज्यादा था, ऐसे में जब 30 साल का नौजवान यह कह दे कि मंदिर में बैठने से भगवान नहीं मिलेंगे, जन-सेवा से मिलेंगे, यह कितनी बड़ी बात थी. विवेकानंद गुरू खोजने के लिए नहीं निकले थे, सत्य की तलाश में थे. अमेरिका में ब्रदर्स ऐंड सिस्टर्स कहने पर हम नाच उठे, पर हम नारी का सम्मान करते हैं क्या?.
#पीएम मोदी ने कहा कि सवा सौ साल पहले एक 9 /11 हुआ था. वह 9/11 मेरे लिए विजय दिवस था.
#पीएम मोदी ने कहा कि प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की हर बात हमें ऊर्जा देती है. अपने अल्प जीवन में उन्होंने विश्व में अपनी छाप छोड़ी.पीएम मोदी ने कहा कि विश्व को पता ही नहीं था कि लेडीज ऐंड जेंटलमैन के अलावा भी कुछ हो सकता है. जब विवेकानंद ने ब्रदर्स एंड सिस्टर्स कहा और 2 मिनट तक तालियां बजती रहीं, तभी दुनिया को भारत की ताकत का एहसास हुआ.विवेकानंद ने दुनिया को नया रास्ता दिखाया.
#आज 11 सितंबर है. विश्व को 201 से पहले यह नहीं पता था कि 9/11 का महत्व क्या है. दोष दुनिया का नहीं था. दोष हमारा है. यदि हम इसे नहीं भुलाने तो शायद 21वीं सदी का 9/11 नहीं होता…शिकागो में स्वामी विवेकानंद का दिया गया भाषण आज भी लोगों को याद है.