कवि कुमार विश्वास ने चलाये PM मोदी पर शब्दों के बाण, केजरीवाल पर भी साधा निशाना
रांची: आम आदमी पार्टी के नेता आैर लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास ने प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में वर्तमान राजनीति पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि हत्यारों कोट्विटर पर फॉलो करने को कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है. कुमार विश्वास ने कहा कि मोदी जी […]
रांची: आम आदमी पार्टी के नेता आैर लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास ने प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में वर्तमान राजनीति पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि हत्यारों कोट्विटर पर फॉलो करने को कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है. कुमार विश्वास ने कहा कि मोदी जी से हमारा पुराना परिचय रहा है. वो हमारी कविताओं के प्रशंसक भी रहे हैं, लेकिन अब मिलना-जुलना नहीं होता. वे राजा, हम फकीर ठहरे. लेकिन मोदी जी आज इतिहास के उस मोड़ पर खड़े हैं, जहां वे बहिष्कृत किये जा सकते हैं या सर्वाधिक स्वीकार्य होंगे. लेकिन अब तक उनकी भूमिका ने हमारे जैसे लोगों को निराश किया है, हम वो ऊर्जा का संचरण नहीं देख पा रहे है. मैं उनका वोटर नहीं हूं, लेकिन वो हमारे प्रधानमंत्री हैं. प्रधानमंत्री हैं, तो मर्यादा का ख्याल उन्हें रखना होगा. महिला पत्रकार गौरी लंकेश को गाली या भद्दी बातें कहने वालों को वह फॉलो करें, सही नहीं है. ऐसी चीजें समाज को उद्वेलित करती हैं. संवेदनशीलता राजा के पास होनी चाहिए.
वंशवाद का खुले स्वर में विरोध करते हुए कवि कुमार विश्वास ने कहा कि वर्तमान राजनीति में वंशवाद जिस तरह हावी होता जा रहा है यह कहीं से भी अच्छा नहीं है. जब कुमार विश्वास से पूछा गया कि क्या वे दिल्ली सरकार के कार्यक्रम में भी सच बोलेंगे, तब कुमार ने कहा, बेशक बोलूंगा. बोलता हू़ं. अरविंद केजरीवाल अगर सरकार की ओर से कवि सम्मेलन करें, तो कोई इश्यू नहीं है. लेकिन मैं हमेशा अपनी बात रखूंगा, वो जगह कोई हो. कुमार ने कहा कि देखिए, शरद जोशी जी ने अपने एक आलेख में लिखा था- कांग्रेस गैस्ट्रिक ट्रबल है. यह खत्म नहीं होगी. कांग्रेस एक प्रवृत्ति है. यह हर पार्टी में रहेगी. कहीं थोड़ी, कहीं ज्यादा. भाजपा का 90 प्रतिशत कांग्रेसीकरण हो गया है. वहां भी वंशवाद है, किचन कैबिनेट है. आप का भी कांग्रेसीकरण दिखता है, जो मैं होने नहीं दूूंगा. यह नहीं चलने देंगे. लोगों ने हमें विकल्प के लिए चुना है, विपक्ष के लिए नहीं. हमने कहा चंदा काे सार्वजनिक करूंगा, वंशवाद नहीं होगा, स्वराजवाद के रास्ते चलूंगा, सुप्रीमो कल्चर नहीं रहेगा. यह विकल्प की राजनीति है.
शुरुआती दौर में मोदी की प्रशंसा करने के सवाल पर कुमार विश्वास ने कहा कि मैं सच बोलने पर विश्वास करता हू़ं. तब मोदी जी ने अच्छा काम किया था. दीवाली की रात वह सैनिकों से मिलने गये. ये बढ़िया काम था. देश का मनोबल बढ़ाने वाला काम था. मैंने तारीफ की. विरोध कर रहा हूं, तो इसका मतलब यह नहीं कि लालू को अपना लूं, उनके साथ हो लूं. वे भ्रष्टाचार और वंशवाद के पोषक रहे हैं. यह भी सच है कि नीतीश कुमार ने गलत किया. नीतीश को जनादेश यह सब करने के लिए नहीं मिला था. वर्तमान में विकल्प की राजनीति की तलाश हो रही है. विपक्ष की राजनीति की नहीं.
कुमार विश्वास ने कहा कि आंदोलन कर हमने आम आदमी पार्टी बनायी है. ये बातें मैं बाहर नहीं कर सकता. मुझे जो कहना होता है, पार्टी के अंदर कह देता हूं. दीवार से बाहर बातें कभी आ भी जाती हैं. मैं सरकार के पैसे नहीं लेता. सरकार के लिए कवि सम्मेलन नहीं करता. कोई सरकार हमें बुलाती भी नहीं है. एक गिलास पानी मैंने किसी सचिवालय का नहीं पीया है. रघुवर दास की सरकार हमें नहीं बुलायेगी. बुलायेगी, तो हमें जो कहना है कह देंगे.
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