VIDEO: शिकागो भाषण की 125वीं वर्षगांठ पर बोले पीएम मोदी – तब 9/11 का अर्थ विश्‍व विजय दिवस था

नयी दिल्ली : पान खाकर इधर-उधर थूकने वालों और कूड़ा कचरा फेंकने वालों को फटकार लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश में वंदे मातरम कहने का सबसे पहला हक सफाई कार्य करने वालों को है. शिकागो में स्वामी विवेकानंद के संबोधन की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2017 1:25 PM

नयी दिल्ली : पान खाकर इधर-उधर थूकने वालों और कूड़ा कचरा फेंकने वालों को फटकार लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश में वंदे मातरम कहने का सबसे पहला हक सफाई कार्य करने वालों को है. शिकागो में स्वामी विवेकानंद के संबोधन की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वंदे मातरम कहते हैं, तब भारत भक्ति का भाव जागृत होता है. लेकिन मैं इस सभागार में बैठे लोगों के साथ पूरे हिंदुस्तान से यह पूछना चाहता हूं कि क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है ? मैं जानता हूं कि मेरी यह बात कई लोगों को चोट पहुंचायेगी. लेकिन मैं फिर भी कहता हूं, 50 बार सोच लीजिए कि क्या हमें वंदे मातरत कहने का हक है ?

मोदी ने कहा, हम पान खाकर भारत माता पर पिचकारी करते हैं और फिर वंदे मातरम कहते हैं. सारा कूडा कचरा भारत माता पर फेंक देते हैं और फिर बंदे मातरम बोलते हैं. इस देश में वंदे मातरम कहने का सबसे पहला हक अगर किसी को है, तब देश भर में सफाई कार्य करने वाले हैं. यह हक भारत माता की उन सच्ची संतानों को है जो सफाई कार्य करते हैं. उन्होंने कहा, और इसिलए हम यह जरुर सोचें कि सुजलाम, सुफलाम भारत माता की हम सफाई करें या नहीं करें. लेकिन इसे गंदा करने का हक हमें नहीं है.

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पीएम मोदी ने कहा कह गंगा के प्रति श्रद्धा का भाव हो, हम यह जरुर सोचते है कि गंगा में डूबकी लगाने से हमारे पाप धुल जाते हैं, हर नौजवान सोचता है कि वह अपने मां.. बाप को एक बार गंगा में डूबकी लगवाये. लेकिन क्या उसकी सफाई के बारे में सोचते हैं. क्या आज स्वामी विवेकानंद जीवित होते, तब हमें डांटते नहीं. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सोचते हैं कि हम इसलिए स्वस्थ हैं क्योंकि अच्छे से अच्छे अस्पताल एवं डाक्टर हैं. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम केवल अच्छे से अच्छे अस्पताल और उत्तम डाक्टर के कारण स्वस्थ नहीं हैं बल्कि हम स्वस्थ इसलिए हैं क्योंकि हमारे सफाई कर्मी साफ सफाई रखते हैं.

उन्होंने कहा, डॉक्टर से भी ज्यादा आदर का भाव हम जब सफाईकर्मियों को देने लगे तब वंदे मातरम कहने का आनंद आयेगा. मोदी ने कहा कि हम साल 2022 में आजादी के 75 साल मनाने जा रहे हैं. तब क्या हम कोई संकल्प ले सकते हैं क्या ? यह संकल्प जीवन भर के लिये होना चाहिए. मैं यह करुंगा, यह दृढता होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में छात्र जीवन एवं छात्र राजनीति का जिक्र किया और कहा कि आज तक मैंने नहीं देखा कि छात्र संघ चुनाव में किसी उम्मीदवार ने यह कहा हो कि हम कैम्पस को साफ रखेंगे. हमने यह देखा होगा कि चुनाव के दूसरे दिन कालेज या विश्वविद्यालय कैम्पस की क्या स्थिति रहती है. लेकिन इसके बाद हम फिर वंदे मातरम कहते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हम नहीं चाहते कि हम अपने देश को 21वीं सदी का भारत बनाये, गांधी, भागत सिंह, राजगुरु, आजाद, विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस के सपनों का भारत बनाये. यह हमारा दायित्व है और हमें इसे पूरा करना है. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सवा सौ साल पहले एक 9 /11 हुआ था. वह 9/11 मेरे लिए विजय दिवस था.

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