नयी दिल्ली :गुरुग्राम के रेयान स्कूल में बच्चे की दुष्कर्म के बाद हत्या और उसके कुछ दिनों बाद ही ईस्ट दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद दिल्ली सरकार एक बार फिर प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी में है. आज ही उपमुख्यमंत्री सह शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक कर स्कूलों के लिए कुछ प्रोटोकॉल तय किये हैं.
बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में दिल्ली सरकार ने मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दे दिये हैं. वहीं आज की बैठक में सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगाने और शिक्षकों व कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने का निर्देश दिया गया है. पुलिस वेरिफिकेशन के लिए सभी प्राइवेट स्कूलों को तीन सप्ताह का समय दिया गया है. स्कूलों को अपने सभी शिक्षकों के साथ-साथ सफाइकर्मी, बस चालक व कंडक्टर सहित गैर शिक्षण कार्य में लगे सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना होगा.
स्कूलों में लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज सरकार को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है. मनीष सिसोदिया के निर्देश पर प्राइवेट स्कूलों की निगरानी के लिए एक एक हाई लेवल कमेटी बनायी गयी है. ये कमेटी समय-समय पर स्कूलों को दौरा करेगी और जांच करेगी कि सरकार द्वारा बनाये गये प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है या नहीं.
सीएम केजरीवाल ने भी एक दिन पहले ट्वीट किया था कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों के लिए प्रोटोकॉल बनाया जायेगा और सरकार नये सिरे से गाइडलाइंस जारी करेगी. सुरक्षा उपायों को लेकर ढिलाई बरतने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी. प्राइवेट स्कूलों में हो रही इस तरह की घटनाओं को लेकर अभिभावकों में भी आक्रोश है. लोग सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
बलात्कार पीडि़ता बच्ची के लिए एंबुलेंस नहीं देने को लेकर दिल्ली प्रशासन को नोटिस
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पूर्वी दिल्ली के एक निजी स्कूल में पांच साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार किये जाने की घटना के बाद उसके लिए एंबुलेंस नहीं मुहैया कराये जाने को लेकर स्थानीय जिला अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एनसीपीसीआर के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया, यह बहुत दुखद है कि देश की राजधानी में बलात्कार पीडि़ता बच्ची के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी. प्रथम दृष्टया यह प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही का मामला दिखता है. इसीलिए हमने जिला अधिकारी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि जवाब मिलने के बाद इस संदर्भ में आयोग की ओर से आगे का कदम उठाया जाएगा.
आरोप है कि बलात्कार की पीडि़ता बच्ची को जब पूर्वी दिल्ली के चाचा नेहरु अस्पताल ने एलएनजेपी अस्पताल रेफर किया तो एंबुलेंस मुहैया नहीं करायी गयी और इस वजह से बच्ची को बाइक से ले जाया गया.