नयी दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने सभी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनसे उन फौजदारी अपीलों पर शनिवार को सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन करने को कहा है, जिनमें कानूनी सहायता प्रदान की गयी है. सीजेआई का पत्र मामलों के निस्तारण में विलंब की वजह से लंबित मामलों और खासतौर पर लंबित फौजदारी अपीलों में वृद्धि के मुद्दे को उजागर करता है. पत्र में कहा गया है, जैसा कि आपको पता है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में बड़ी संख्या में फौजदारी अपील लंबित हैं. इन अपीलों के निस्तारण में विलंब न्याय प्रशासन और खासतौर पर फौजदारी न्याय व्यवस्था की प्रभावकारिता को लेकर सवाल खड़े करता है.
इसे भी पढ़ें: निबटे 28 मामले, 33 हजार की हुई वसूली
न्यायमूर्ति मिश्रा ने स्वीकार किया कि इस तरह की अपीलों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के तरीकों में से एक है, वैसी अपीलों की पहचान और निस्तारण जिनमें राज्य के खर्च पर कानूनी सहायता प्रदान की गयी है. न्यायमूर्ति मिश्रा ने लिखा कि इसलिए क्या मैं आपसे कह सकता हूं कि संबद्ध विधि सहायता वकील और राज्य के वकील की सहमति हासिल करने के बाद आप वैसी फौजदारी अपीलों पर इस उद्देश्य के लिए गठित विशेष पीठ द्वारा शनिवार को सुनवाई की संभावना तलाशें, जिसमें कानूनी सहायता प्रदान की गयी है.
उन्होंने लिखा है कि यह फौजदारी अपीलों, जेल अपीलों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने में बहुत सहायक होगा. प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने अपने पत्र में इस बात पर भी गौर किया कि कुछ सभी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों ने पहले ही नौ सितंबर से शुरू हो रही परियोजना पर आगे बढ़ने को लेकर सहमति दे दी है.