#Ryan School Murder : रेयान समूह के Chairman and MD की गिरफ्तारी पर बुधवार तक के लिए रोक, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 15 को

मुंबई/नयी दिल्ली : बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम के स्कूल में छात्र की हत्या के मामले में रेयान इंटरनेशनल समूह के संथापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को गिरफ्तारी से बुधवार तक के लिए मंगलवारको राहत दे दी. रेयान इंटरनेशनल समूह के संस्थापक अध्यक्ष ऑगस्टिन पिंटो (73) और समूह की प्रबंध निदेशक तथा उनकी पत्नी ग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2017 5:46 PM

मुंबई/नयी दिल्ली : बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम के स्कूल में छात्र की हत्या के मामले में रेयान इंटरनेशनल समूह के संथापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को गिरफ्तारी से बुधवार तक के लिए मंगलवारको राहत दे दी. रेयान इंटरनेशनल समूह के संस्थापक अध्यक्ष ऑगस्टिन पिंटो (73) और समूह की प्रबंध निदेशक तथा उनकी पत्नी ग्रेस पिंटो (62) ने इस मामले में गिरफ्तारी के अंदेशे पर सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था. इस दंपती के वकील नितीन प्रधान ने सोमवार को कहा था कि ऑगस्टिन पिंटो और ग्रेस पिंटो के अलावा उनके पुत्र और समूह के सीइओ रेयान पिंटो ने भी अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. हालांकि, प्रधान ने मंगलवारको कहा कि कुछ दिक्कतों के कारण रेयान पिंटो का आवेदन उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री में दाखिल नहीं हुआ. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में छात्रों की सुरक्षा से संबंधित याचिका पर 15 सितंबर को सुनवाई होगी.

उन्होंने कहा, अग्रिम जमानत के लिए रेयान पिंटो का आवेदन प्रक्रिया में है और उसे जल्दी ही दाखिल किया जायेगा। न्यायमूर्ति अजय गडकरी ने कहा, आवेदनकर्ताओं (ऑगस्टिन पिंटो और ग्रेस पिंटो) को बुधवार तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सरकारी वकील के अनुरोध पर मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित की जाती है. अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा कामत पाई ने उच्च न्यायालय से कहा कि अदालत को नोटिस जारी करके हरियाणा सरकार का पक्ष सुनना होगा, क्योंकि बच्चे की हत्या के मामले में प्राथमिकी वहीं दर्ज है.

इस पर न्यायमूर्ति गडकरी ने कहा, ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए यह अदालत हरियाणा सरकार का पक्ष क्यों सुने? आवेदनकर्ताओं को संबंधित अदालत के पास जाने दें. हालांकि, अदालत ने पाई के अनुरोध पर मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी. पाई ने कुछ समय मांगा था. इस दौरान, अदालत में मौजूद वकील गुणरतन सदावर्ते ने उच्च न्यायालय से कहा कि पिंटो परिवार की जमानत याचिकाओं के विरोध में वह कुछ अभिभावक संगठनों की ओर से हस्तक्षेप करने की अनुमति चाहते हैं. न्यायमूर्ति गडकरी ने हालांकि, उनकी बात सुनने से इंकार कर दिया और कहा कि वह अपनी समस्याओं को लेकर हरियाणा की संबंधित अदालत में जा सकते हैं. गुरुग्राम स्थित स्कूल परिसर में छात्र की हत्या के मामले में रेयान इंटरनेशनल स्कूल के दो शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कार्यवाहक प्रधानाध्यापक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.

दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवारको कहा कि वह देशभर के स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा और कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों को लागू करने की मांग करनेवाली दो महिला वकीलों की याचिका पर 15 सितंबर को सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की पीठ ने कहा कि उसने गुरग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में बर्बरता से मार दिये गये बच्चे के पिता की इसी प्रकार की अर्जी पर पहले ही नोटिस जारी कर दिया है. पीठ ने कहा, हम इसे पुरानी (याचिका) के साथ जोड़ देंगे. पीठ ने न्यायालय की दो वकीलों आभा शर्मा और संगीता भारती की याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय किया.

वकीलों ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर मौजूदा दिशा-निर्देशों को लागू करवाने की मांग की है. स्कूल बसों-वाहन में चढ़ने के साथ ही विद्यार्थियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूलों की हो, यह सुनिश्चित करने के लिए दोनों वकीलों ने अतिरिक्त मानदंड भी सुझाये हैं. गौरतलब है कि सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर के पिता वरुण ठाकुर की अर्जी पर सोमवार को न्यायालय की पीठ ने सुनवाई की थी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने इस तरह की घटनाओं के मामले में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी निर्धारित करने और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश बनाने के अनुरोध पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) से भी जवाब मांगा है. बोर्ड को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देना है. पीठ ने इस संबंध में केंद्र, हरियाणा पुलिस, सीबीएसइ और सीबीआइ को नोटिस जारी किया है.

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव है. बच्चे के पिता वरुण ठाकुर ने वकील सुशील टेकरीवाल के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि इस संबंध में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआइ से करायी जानी चाहिए. स्कूल के कंडक्टरों में से एक अशोक कुमार (42) को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. कुमार ने कथित रूप से बच्चे का यौन उत्पीड़न करना चाहा और इसी दौरान उसकी हत्या कर दी.

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