जापान के साथ बुलेट ट्रेन परियोजना पर चिढ़ा चीन, भारत को दिया यह ऑफर

अहमदाबाद/बीजिंग : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे बुधवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचे जहां उनका अहमदाबाद और मुंबई के बीच पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखने के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण समारोहों में हिस्सा लेने समेत बेहद व्यस्त कार्यक्रम हैं. हालांकि, इस परियोजना को लेकर चीन चिढ़ गया और बुधवार को भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2017 8:30 PM

अहमदाबाद/बीजिंग : जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे बुधवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचे जहां उनका अहमदाबाद और मुंबई के बीच पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखने के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण समारोहों में हिस्सा लेने समेत बेहद व्यस्त कार्यक्रम हैं. हालांकि, इस परियोजना को लेकर चीन चिढ़ गया और बुधवार को भारत को एक ऑफर दिया. चीन ने कहा है कि वो हाई स्पीड रेल परियोजना में भारत की मदद करना चाहता है. चीन पहले भी भारत में हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट को लेकर ऑफर दे चुका है. भारत ने चीन के इस ऑफरको दरकिनार करते हुए इस परियोजना के लिए जापान को तवज्जो दी है. हालांकि, चीन के इस बार के ऑफर पर भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अबतक नहीं दी गयी है.

जापान के प्रधानमंत्री के यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया. इसके बाद शि‍ंजो एबे को हवाई अड्डे पर ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. स्वागत समारोह के तत्काल बाद एबे और उनकी पत्नी मोदी के साथ खुली जीप में आठ किलोमीटर के रोडशो में शामिल हुए और साबरमती आश्रम गये जहां उन्होंने शांति के प्रतीक महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष कुछ समय बिताया. इसके बाद दोनों नेता मशहूर सीदी सैयद मस्जिद पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने शिंजो एबे को सीदी सैयद मस्जिद की अहमियत और इतिहास के बारे में बताया. इसके बाद शिंजो एबे और उनकी पत्नी को पीएम मोदी ने अहमदाबाद के बुटीक हेरीटेज होटल हाउस ऑफ मंगलदास गिरधरदास में खास डिनर दिया.

दोनों नेता अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलनेवाली भारत की तेज गति रेल परियोजना के भारत में निर्माण के शुभांरभ के लिए 14 सितंबर को आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में भाग लेंगे. इस रेल के दो शहरों के बीच चलने से यात्रा में लगनेवाले समय में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है. उच्च गति रेल नेटवर्क के क्षेत्र में जापान एक अग्रणी देश है और इसकी शिंककेनसेन बुलेट रेल दुनिया की सबसे तेज चलनेवाली रेलगाड़ियों में से एक है.

उधर, चीन के विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता गेंग शुआंग से जब मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में जापानी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, चीन को क्षेत्र के देशों में हाई स्पीड रेल सहित अन्य बुनियादी ढांचे को देखने में खुशी है. उन्होंने एक तरह से परियोजना की बहाली में रुचि दिखाते हुए कहा, हम क्षेत्रीय सहयोग के लिए भारत व अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, जहां तक रेलवे सहयोग का सवाल है तो यह भारत व चीन के बीच व्यावहारिक सहयोग का हिस्सा है. हमारे बीच इस बारे में महत्वपूर्ण सहमति बनी है. दोनों देशों के बीच संबद्ध अधिकारियों के बीच संवाद हो रहा है और मौजूदा परियोजनाओं में रेल की गति बढ़ायी जा रही है. भारत व चीन में रेलवे के विकास हेतु सहयोग के अनेक समझौतों पर काम हुआ है जिसके तहत भारतीय रेलवे अभियंताओं को चीन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. चीन एक रेल विश्वविद्यालय स्थापित करने में भी भारत की मदद कर रहा है. चीन में दुनिया का सबसे लंबा तीव्र गति रेल नेटवर्क है.

उल्लेखनीय है कि चीन अपनी तीव्र गति रेल प्रौद्योगिकी का विदेशों में प्रचार-प्रसार कर रहा है और वह भारत में पहला सौदा हासिल करने की दौड़ में था. उसने दिल्ली चेन्नई गलियारे के लिए व्यावहार्यता अध्ययन भी किया. चीन ने यह रुचि ऐसे समय में दिखायी है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जापान के प्रधानंत्री शिंजा अबे भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखने की तैयारी में हैं.

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