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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का भूमिपूजन, मोदी बोले- जापान जैसा दोस्त नहीं मिल सकता

अहमदाबाद : पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आज अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी. भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिंजो आबे ने कहा कि 1964 में जापान में बुलेट ट्रेन की शुरुआत हुई थी. बुलेट ट्रेन ने जापान की अर्थव्यवस्था की तसवीर बदलकर रख दी. जापान के शहरों […]

अहमदाबाद : पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आज अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी. भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिंजो आबे ने कहा कि 1964 में जापान में बुलेट ट्रेन की शुरुआत हुई थी. बुलेट ट्रेन ने जापान की अर्थव्यवस्था की तसवीर बदलकर रख दी. जापान के शहरों के बीच दूरी कम हुई और लोगों के जीवन में बदलाव आयी.

जापान के पीएम शिंजो आबे ने नमस्कार कह कर अपना संबोधन शुरू किया .शिंजो आबे ने कहा -आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है. ठीक 10 साल पहले मुझे भारत की संसद में भाषण देने का मौका मिला था. जापान और भारत की रिश्तेदारी हिंद और प्रशांत माहासागर का संगम है. जापान की बुलेट ट्रेने जबसे शुरू हुई है. कभी कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई. यह सबसे सुरक्षित रेल सेवा है. जापान और भारत एशिया के दो बड़े लोकतंत्र हैं. हिंद और प्रशांत महासागर के सभी देश स्वतंत्र और खुले विचार रखते हैं. शिंजो आबे ने कहा जापान का ‘ज’ और इंडिया का ‘इ’ अगर मिला दें तो यह जय बन जाता. मेरी इच्छा है कि अगली बार अहमदाबाद आऊं तो बुलेट ट्रेन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आउं.
मुझे गुजरात बहुत पसंद हैं. मैंने प्रधानमंत्री मोदी के बुलेट ट्रेन के सपने को पूरा करने की प्रतिज्ञा ली है.जापान और भारत के इंजीनियर दिन-रात इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने में लगे हैं. अगर वे ठान लें तो कुछ नामुमकिन नहीं. शक्तिशाली भारत जापान के हित में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे को परम मित्र बताते हुए कहा कि अपने करीबी मित्र शिंजो आबे का मैं भारत और गुजरात की धरती पर स्वागत करता हूं. कोई भी देश आधे-अधूरे संकल्पों और बंधे हुए सपनों के साथ आगे नहीं बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता का इतिहास यातायात से जुड़ा हुआ है. किसी भी देश के विकास में यातायात एक महत्वपूर्ण योगदान देती है. लोग अमेरिका के इतिहास को जानते हैं उन्हें पता है कि रेलवे आने के बाद कैसे वहां आर्थिक प्रगति शुरू हुई.
पीएम मोदी ने कहा कि इस प्रॉजेक्ट से बई और अहमदाबाद की दूरी 2-3 घंटों में सिमट जाएगी.बुलेट ट्रेन का पर्यावरण पर भी अच्छा असर होगा और इंधन भी बचेगा. हमारा मकसद है इस तकनीक को भरपूर प्रयोग करते हुए इसे देश के गरीबों के जीवन से जुड़ जाए. इस प्रॉजेक्ट से रेलवे को फायदा होगा, रेलवे के नेटवर्क को नयेपन की ओर जाना होगा.इस प्रॉजेक्ट से मेक इन इंडिया को भी मजबूती मिलेगी.हमारा नेटवर्क इतना बड़ा है कि हमारे देश में हर सप्ताह रेल से सफर करने वाले लोगों की संख्या जापान की जनसंख्या के बराबर है.
अहमदाबाद से मुंबई के बीच 1.10 लाख करोड रुपये की लागत वाली इस बुलेट ट्रेन परियोजना के वर्ष 2022 तक पूरी होने की संभावना है. यह ट्रेन महज दो घंटे में 500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करेगी. जापान ने प्रधानमंत्री ने मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 0.1 प्रतिशत की न्यूनतम दर पर ऋण दिया है. यह परियोजना भारतीय रेल और जापान के शिन्कान्सेन टेक्नोलॉजी की संयुक्त परियोजना है. दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने वडोदरा में एक प्रशिक्षण संस्थान की आधारशिला भी रखी जहां बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 4,000 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. रेल मंत्री पीयूष गोयल, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस इस अवसर पर उपस्थित थे

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