भारत-जापान संबंध : मोदी-आबे वार्ता में 15 समझौतों पर हस्ताक्षर, बिंदुवार समझिए सभी अहम बात
गांधीनगर : भारत और जापान ने विशेष सामरिक, वैश्विक एवं द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए नागर विमानन, कारोबार, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल समेत विभिन्न क्षेत्रों में 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किये और सामरिकरूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की.आबे ने प्रधानमंत्री […]
गांधीनगर : भारत और जापान ने विशेष सामरिक, वैश्विक एवं द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए नागर विमानन, कारोबार, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल समेत विभिन्न क्षेत्रों में 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किये और सामरिकरूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की.आबे ने प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों समेत विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की. दोनों नेताओं ने कारोबार, सुरक्षा और असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को और गहरा बनाने पर भी चर्चा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-जापान संबंध द्विपक्षीय अथवा क्षेत्रीय परिदृश्य तक सीमित नहीं है बल्कि हमारे बीच अहम वैश्विक मुद्दों पर भी करीबी सहयोग है. आबे ने पाकिस्तान से 2008 में मुंबई में और 2016 में पठानकोट में हुए आतंकवादी हमलों के मुद्दे पर भारत के रुख का समर्थन किया और दोषियों को न्याय के घेरे में लाने की मांग की.
बिंदु 1 : एक जापान-भारत निवेश सहयोग रूपरेखा
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के बाद कहा कि हम एक जापान-भारत निवेश सहयोग रूपरेखा पर सहमत हुए हैं. हमने संयुक्त बयान पर भी हस्ताक्षर किया है जो भारत-जापान संबंधों में नये युग का सूत्रपात करता है. इसके आधार पर हम भारत-जापान के विशेष सामरिक संबंधों और वैश्विक गठजोड़ को मजबूती से आगे बढायेंगे और इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र और पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा.
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बिंदु 2 : आबे ने दिया मालाबा अभ्यास का हवाला
शिंजो आबे ने मालाबार त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास का हवाला देते हुए कहा है कि जापान-भारत-अमेरिका सहयोग को और मजबूत किया जाएगा. भारत और जापान अपने सहयोग को ऐसे समय में मजबूत बनाने की पहल कर रहे हैं जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सक्रियता बढी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जापान ने साल 2016-17 में भारत में 4.7 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया, जो पिछले साल की तुलना में 80 फीसदी ज्यादा है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-जापान ने 12वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आदानप्रदान कार्यक्रम सहित 15 समझौतों दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.
बिंदु 3 : मोदी ने आबे, जापान की जनता का आभार जताया
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भविष्य को देखते हुए मैं इस नये रेलवे दर्शन को नये भारत के निर्माण की जीवन रेखा मानता हूं. संपर्क की यह तेज गति भारत की प्रगति में योगदान देगी. मोदी ने कहा कि आपसी विश्वास और भरोसा, एक दूसरे की चिंताओं की समझ और उच्च स्तरीय सतत संपर्क, ये भारत और जापान संबंधों की खासियत है. हमारी विशेष रणनीति और वैश्विक गठजोड़ केवल द्विपक्षीय स्तर तक सीमित नहीं है बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी हमारी समझ बहुत ही घनिष्ठ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष मेरी जापान यात्रा के दौरान परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर सहयोग केलिए एक ज्ञापन तैयार हुआ था और इसके अनुमोदन केलिए मैं जापान की जनता, वहां की संसद और खासतौर पर अपने मित्र आबे का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.
बिंदु 4 : स्वच्छ ऊर्जा व जलवायु परिवर्तन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर हमारे सहयोग में इस समझौते ने नया आयामजोड़ा है. भारत और जापान में आज जिन 15 महत्वपूर्ण समझौतों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये उनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आदान-प्रदान समझौता भी शामिल है. इसके तहत जापान के संगठन एआइएसटी और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच संयुक्त शोध का अनुबंद हुआ है. इसके अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा राष्ट्रीय उन्नत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किये गए हैं. दोनों देशों ने अनुसंधान एवं शोध सेजुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने केलिए भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है. दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय अकादमिक और खेल क्षेत्र में आदान-प्रदान केलिए भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया. इसके तहत एलएनआइपीइ और निप्पन खेल विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच सहयोग होगा. इस बारे में आशय पत्र भी किया गया.
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बिंदु 5 : आतंकवाद के खिलाफ साथ-साथ
भारत और जापान अलकायदा, आईएसआईएस जैसे समूहों और पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा एवं उससे संबद्ध संगठनों के खिलाफ सहयोग मजबूत करनेको तैयार हुए हैं. मोदी और आबे ने पाकिस्तान से 2008 में मुंबई में और 2016 में पठानकोट में हुए आतंकवादी हमलों सहित आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के घेरे में लाने की मांग की.
बिंदु छह : नागर विमानन व मेक इन इंडिया के तहत सहयोग
भारत और जापान ने निवेश प्रोत्साहन का खाका तैयार किया. दोनों देशों ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम केलिए जापान-भारत विशेष कार्यक्रम पर सहयोग ज्ञापन :एमओसी: पर भी हस्ताक्षर किया. दोनों देशों ने नागर विमान क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की. इसके साथ ही भारत और जापान ने आपदा खतरा प्रबंधन के संबंध में भी सहयोग ज्ञापन :एमओसी: पर हस्ताक्षर किया. दोनों देशों ने भारत जापान एक्ट ईस्ट फोरम को बढावा देने पर भी सहमति व्यक्त की. दोनों देशों ने शीत एक्सप्रेस मेल सेवा शुरू करने केलिए भी समझौता किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले समय में भारत में रहने वाले जापानी लोगों की संख्या कई गुणा बढ़ने वाली है. जापान के लोगों को आगमन पर वीजा की सुविधा हमने पहले ही दे रखी है. अब इंडिया पोस्ट और जापान पोस्ट के सहयोग से शीत एक्सप्रेस मेल सेवा शुरू करने जा रहे हैं ताकि भारत में रह रहे जापान के लोग सीधा जापान से अपनी पसंदीदा भोजन मंगा सकें. उन्होंने कहा कि मैं अनुरोध करता हूं कि जापान के लोग भारत में अधिकाधिक जापानी रेस्तरां खोलें. मोदी ने कहा कि जापान का सहयोग यह दर्शाता है कि भारत के आर्थिक विकास और सुनहरे भविष्य को लेकर जापान में कितना विश्वास और आशावादी वातावरण है. मुझे विश्वास है कि आज जो समझौते हुए हैं, उससे हर क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा.