श्रीनगर : अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर गत 10 जुलाई को हुए आतंकवादी हमले का मुख्य आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अबू इस्माइल सुरक्षाबलों के साथ गुरुवार को हुई मुठभेड में मारा गया. मुठभेड में एक अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारा गया. आपको बता दें कि अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकियों ने हमला कर आठ श्रद्धालुओं की हत्या कर दी थी. इस हमले ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये थे. बाइक पर आये दो आतंकियों ने ही इस हमले को अंजाम दिया था.
गुरुवार के मुठभेड़ के संबंध में कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने कहा कि विशेष सूचना पर श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके में नौगाम क्षेत्र में आरीबाग में संयुक्त अभियान शुरू किया गया. शाम सवा चार बजे के करीब वहां एक मकान में छिपे आतंकवादियों से आमना-सामना हुआ. बेहद संक्षिप्त मुठभेड में दोनों आतंकवादी मारे गये. वह सेना के विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मेजर जनरल बी एस राजू और आईजी सीआरपीएफ रविदीप सिंह शाही के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
खान ने कहा कि दूसरे आतंकवादी की पहचान अबू कासिम उर्फ छोटा कासिम के तौर पर हुई है. उन्होंने कहा, मारे गये आतंकवादियों के शवों को उचित तरीके से निपटाने के लिये उचित स्थान पर रखा गया है. आईजीपी ने कहा कि दो एके राइफल, यूबीजीएल और अन्य सामग्रियां मारे गए आतंकवादियों के पास से बरामद की गयी. उन्होंने कहा कि इस्माइल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही बस पर गत 10 जुलाई को हुए हमले समेत 15 आपराधिक मामलों में शामिल था. अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले में आठ लोग मारे गये थे.
खान ने कहा, अबू दुजाना के मारे जाने के बाद उसने :इस्माइल: घाटी में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी. वह हत्या, डकैती और आतंकवाद से संबंधित अन्य घटनाओं समेत घाटी में तकरीबन 15 आपराधिक मामलों में शामिल था. इसलिये, मैं अपनी टीमों को बिना खास क्षति के शानदार अभियान को अंजाम देने के लिये बधाई देता हूं. उन्होंने कहा, जब हमला (अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर) हुआ था तो समाज के सभी तबकों से आतंकवादियों द्वारा किये गए कृत्य की पूरी निंदा की गयी और लोगों ने साफ-साफ कहा कि इन हत्यारों को हर हाल में मार गिराया जाना चाहिये. इसलिये, उसके बाद से ये हत्यारे हमारे निशाने पर थे और हमारी टीमें उनकी तलाश कर रही थीं। उन्होंने लोगों का उस वक्त उस तरह की भावना का इजहार करने के लिये शुक्रिया अदा किया.
उन्होंने कहा कि हमला कश्मीरियत के खिलाफ था. किसी भी कश्मीरी ने उसे पसंद नहीं किया था. यह पूछे जाने पर कि क्या उस हमले के पीछे के सभी आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है तो आईजीपी ने कहा, एक विदेशी और एक स्थानीय आतंकवादी बचा है.