अहमदाबाद : इस साल के अंत में होने वाला गुजरात विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए बड़ी चुनौती है. यह चुनाव इस मायने में अहम है कि गुजरात में भाजपा व सरकार का सीधा नेतृत्व मोदी-अमित शाह की जोड़ी नहीं कर रही है. माेदी के बाद कम समय में गुजरात में भाजपाको दो मुख्यमंत्री बनाने पड़े. हार्दिक पटेल के नेतृत्व में हुए पाटीदार आंदोलन एवं दलितों के उत्पीड़न के कारण उनकी गोलंबदी जैसी चुनौतियां भाजपा के सामने हैं. लाख कोशिशों के बावजूद कांग्रेस नेता अहमेद पटेल को राज्यसभा मेंजानेसे रोकने में भाजपा विफल रहीहै.इससे कांग्रेस का मनोबल बढ़ा हुआ है और अहमद पटेल गुजरात में भाजपा को हराने की हुंकार भर चुके हैं. ऐसे में भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कई स्तर वाली रणनीति पर काम कर रही है. पार्टी वहां ओबीसी वर्ग के साथ अल्पसंख्यक समुदाय में अपनी पैठ को मजबूत करना चाहती है.
18 सितंबर को अमित शाह खेड़ा में करेंगे रैली
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पिछड़ा वर्ग के वोटरों को लुभाने के लिए 18 सितंबर को गुजरात के खेड़ा जिले में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. यह इलाका ओबीसी वर्ग के प्रभाव वाला माना जाता है. आसपास के इलाके में ठाकोर जाति की अच्छी संख्या है. ठाकोर गुजरात में ओबीसी वर्ग की एक जाति है और इसी वर्ग से आने वाले युवा नेता अल्पेश ठाकोर का गुजरात में खासा प्रभाव है. 40 वर्षीय अल्पेश युवाओं के बीच उसी तरह अपने वर्ग के नेता के रूप में उभरे हैं, जैसे पाटीदारों के बीच हार्दिक पटेल और दलितों केबीच जिश्नेश मेवानी. अल्पेश कांग्रेस नेता खोडभाई ठाकोर के पुत्र हैं. हालांकि अल्पेश का स्वयं का किसी पार्टी से सीधा जुड़ाव नहीं है. अल्पेश क्षत्रिय ठाकोर वर्ग के हैं और उनके संगठन का नाम क्षत्रिय ठाकोर सेना है. उनका दावा है कि गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में 138 पर उनका संगठन प्रभावी है और उन्होंने 80 क्षेत्र में बूथ लेवल कमेटियां तक खड़ी कर रखी है. ठाकोर ने अपने समुदाय के लोगों में शराब के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया और इसी से इन्हें नायकत्व मिला.
ऐसे में 18 सितंबर की रैली भाजपा के लिए अहम है. इस रैली में भाजपा मूल रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने में कांग्रेस की ओर से खड़े किये गये अड़चन को मुद्दा बनायेगी. भाजपा को उम्मीद है कि इससे पिछड़ा वर्ग में उसकी पैठ बनेगी. मानसून सत्र में इस मुद्दे पर भाजपा राज्यसभा में अपने कम सांसदों की मौजूदगी के कारण कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के कारण बैकफुट पर आ गयी थी और इसके लिए बाद में अमित शाह ने अपने सांसदों को फटकार लगायी थी.
अखिलेश, स्टालिन, अभिषेक सभी वंश के वारिस…भारत ऐसे ही चलता है, मेरे पीछे न पड़ें : राहुल गांधी
अक्तूबर में दो यात्रा निकालेगी भाजपा
नवंबर-दिसंबर में होने वाले रहे विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कई स्तरों पर काम कर रही है, जिसकी एक अहम कड़ी दो यात्राएं भी होंगी. पार्टी पहली यात्रा एक अक्तूबर को सरदार पटेल के जन्मस्थल करमसद से निकालेगी और दूसरी यात्रा पोरबंदर से निकलीजाएगी जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भूमि है. दूसरी यात्रा बापू के जन्मदिन के दिन दो अक्तूबर को ही निकाली जायेगी. पहली यात्रा का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल करेंगे जबकि दूसरी यात्रा का नेतृत्व गुजरात भाजपा के अध्यक्ष जीतू बघानी करेंगे. दोनों यात्राएं 15 अक्तूबर को बड़ी रैली के रूप में खत्म होंगी और दोनों यात्राओं में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शिरकत करेंगे.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर सरदार सरोवर डैम का डाभोई में उद्घाटन करेंंगे. वहीं, गुजरात के चुनाव प्रभारी अरुण जेटली 19 सितंबर को गांधीनगर में पार्टी की कार्यकारिणी में शामिल होंगे. यानी, मोदी-शाह की अगुवाई वाली भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कोई कसर छोड़ने के मूड में नहीं है.