राम रहीम के खिलाफ मर्डर केस में सुनवाई आज, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
चंडीगढ : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्या के दो मामलों में शनिवार को होने वाली सुनवाई से पहले पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकडियों को तैनात किया गया है. 50 वर्षीय गुरमीत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज रोहतक जेल से सीबीआइ की विशेष अदालत […]
चंडीगढ : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्या के दो मामलों में शनिवार को होने वाली सुनवाई से पहले पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकडियों को तैनात किया गया है. 50 वर्षीय गुरमीत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज रोहतक जेल से सीबीआइ की विशेष अदालत के समक्ष पेश होंगे. वह बलात्कार के दो मामलों में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहे है.
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सीबीआइ अदालत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामलों की सुनवाई कर रही है. हत्या के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है. हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी एस संधू ने बताया, मामलों में सुनवाई से पहले हमने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़ी को तैनात किया गया है.
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संधू ने कहा कि राम रहीम के खिलाफ मामले में सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी जो रोहतक जेल में बंद है. बलात्कार के दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त को राम रहीम को 20 वर्ष कैद की सजा सुनायी थी. सीबीआइ के वकील एच पी एस वर्मा ने बताया कि हत्या के दो मामलों में अंतिम जिरह शनिवार से शुरू होगी.
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अभियोजन के मुताबिक सिरसा के पत्रकार छत्रपति की अक्तूबर 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. उनके अखबार पूरा सच ने एक गुमनाम पत्र छापा था जिसमें बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीडन होता था. दूसरा मामला डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या से जुडा हुआ है जिनकी 2002 में हत्या हुई थी. अज्ञात पत्र को प्रसारित करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए उनकी हत्या की गयी थी.
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हत्या का शिकार बने दोनों लोगों के परिजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने नवम्बर 2003 में सीबीआइ जांच के आदेश दिये थे. हत्या मामले में सीबीआइ ने 30 जुलाई 2007 को आरोपपत्र दायर किया था.