इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता अमित शाह की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका को वापस ली गयी मानते हुए खारिज कर दिया.शाह ने कहा कि वह इस मामले में चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देना चाहते हैं.
अमित शाह के खिलाफ उत्तरप्रदेश में कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण से जुड़े मामले में एफआईआर दर्ज किया गया था.उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति सतीश चंद्रा की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के आवेदन के बाद याचिका को वापस ली गयी मानते हुए खारिज किया जाता है. शाह के वकील और भाजपा के वरिष्ठ नेता केसरीनाथ त्रिपाठी ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता याचिका को वापस लेना चाहता है क्योंकि वह इस मामले में कानूनी उपाय से पहले चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब देना चाहता है.
यह पहल ऐसे समय में की गई है जब अदालत ने एक दिन पहले ही भाजपा नेता के कथित नफरत फैलाने वाले भाषण की वीडियो फुटेज की सीडी मांगी थी. शाह ने आईपीसी और जन प्रतिनिधित्व कानून की विभिन्न धाराओं के तहत बिजनौर और शामली में दर्ज एफआईआर को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. इसमें शाह पर कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और जाट समुदाय के लोगों को मुजफ्फरनगर सम्प्रदायिक हिंसा के संदर्भ में भाजपा को वोट देकर बदला लेने की बात करने का आरोप लगाया गया है.
नरेंद्र मोदी के करीबी और भाजपा के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी शाह ने अपनी याचिका में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और दो जिलों में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी.