जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद नहीं रोकता, बातचीत करना बेमानी : राजनाथ
निजामाबाद : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से जारी आतंकवाद को नहीं रोकता तब तक उसके साथ बातचीत करना व्यर्थ है. तेलंगाना दिवस समारोह के दौरान एक जनसभा में राजनाथ ने कहा कि भारत की नीति पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की है. उन्होंने कहा, कुछ लोग […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
September 17, 2017 11:30 PM
निजामाबाद : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से जारी आतंकवाद को नहीं रोकता तब तक उसके साथ बातचीत करना व्यर्थ है. तेलंगाना दिवस समारोह के दौरान एक जनसभा में राजनाथ ने कहा कि भारत की नीति पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की है.
उन्होंने कहा, कुछ लोग सुझाव देते हैं कि हमें पाकिस्तान से वार्ता करनी चाहिए. मैं कहना चाहूंगा कि हम किसी से भी बात करने को तैयार हैं. लेकिन पाकिस्तान इस चीज को समझने में असमर्थ है कि जब तक वह सीमा पार से जारी आतंकवाद के जरिए भारत को अस्थिर और कमजोर करने के प्रयास बंद नहीं करता तब तक उसके साथ बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है. वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किए जाने का भी राजनाथ ने उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, विचार यह था कि हम उन सबके साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते थे. हमने उन्हें केवल हाथ मिलाने के लिए नहीं बुलाया था, बल्कि सौहार्दपूर्ण संबंध कायम करने के लिए बुलाया था. राजनाथ ने कहा कि सरकार देश में अस्थिरता फैलाने वाली हर तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए कटिबद्ध है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान संघर्षविराम समझौतों का उल्लंघन कर रहा है.
गृहमंत्री ने कहा, इसने (पाकिस्तान) हमारे देश में आतंकवादियों को भेजना शुरू किया. यह संघर्षविराम समझौतों का उल्लंघन करता है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आतंकवाद, चरमपंथ और नक्सलवाद को भी खत्म कर देंगे.
राजनाथ ने कहा कि सीमा पर स्थिति बदल गई है क्योंकि भारत ने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है, जिसने देश के इतिहास में एक उदाहरण स्थापित किया है. उन्होंने समुदाय, जाति और भाषा के आधार पर देश को बांटने की कोशिश करने वालों के खिलाफ भी लोगों को आगाह किया.
गृहमंत्री ने कहा, तेलंगाना मुक्ति दिवस पर हमें संकल्प लेना होगा कि हम समुदाय, जाति और भाषा के आधार पर नहीं बंटेंगे. जो लोग देश को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, वे राष्ट्रविरोधी ताकतें हैं. मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि विश्व की कोई भी शक्ति भारत को कमजोर नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 और 17 सितंबर 1948 के बीच का समय भारत के इतिहास में एक काला अध्याय था क्योंकि (वर्तमान के तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक) के कुछ हिस्से भारत की स्वतंत्रता के बाद भी निजाम शासन के तहत रहे.
राजनाथ ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने जहां देश का राजनीतिक एकीकरण हासिल किया, वहीं डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सामाजिक एवं संवैधानिक एकता हासिल की. उन्होंने कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कतई बर्दाश्त नहीं की नीति रखती है और इसके खिलाफ एक भी आरोप नहीं है.
गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को गरीब हितैषी नेता बताया. उन्होंने कहा कि देश के लोग 17 सितंबर को कभी नहीं भूलेंगे क्योंकि यह मोदी का जन्मदिन है और इसी तारीख को यह क्षेत्र (1948 में निजाम के शासन से) मुक्त हुआ था. इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्हीं की वजह से तेलंगाना भारत संघ का हिस्सा बना था.