अलफोंस की टिप्पणी ने बढ़ायी भाजपा-शिवसेना के बीच की दूरी, टूट सकता है गठबंधन

मुंबई : पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर केंद्रीय मंत्री अलफोंस कन्नानथानम की टिप्पणी की आलोचना करते हुए शिवसेना ने इसे गरीब और मध्यवर्ग की बेइज्जती करार दिया. पार्टी ने आरोप लगाया कि जिनके पास कोई योग्यता और जनता से जुड़ाव नहीं है वे राष्ट्र को चला रहे हैं. शिवसेना के इस बयान से आशंका जतायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2017 8:16 PM

मुंबई : पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर केंद्रीय मंत्री अलफोंस कन्नानथानम की टिप्पणी की आलोचना करते हुए शिवसेना ने इसे गरीब और मध्यवर्ग की बेइज्जती करार दिया. पार्टी ने आरोप लगाया कि जिनके पास कोई योग्यता और जनता से जुड़ाव नहीं है वे राष्ट्र को चला रहे हैं. शिवसेना के इस बयान से आशंका जतायी जा रही है कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है और गठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच गया है. भाजपा से गठबंधन को बरकरार रखना है या तोड़ना है इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सासदों और विधायकों के साथ बैठक भी की है. शिवसेना नेता और पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों ने इस पर फैसला लेने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर छोड़ दिया है. राउत ने यह भी कहा कि भाजपा से गठबंधन को लेकर पार्टी जल्द फैसला लेगी.

ईंधन के दामों के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने दावा किया कि ईंधन के ज्यादा दाम देश में किसानों द्वारा खुदकुशी करने का मुख्य कारण है. अलफोंस कन्नानथानम केंद्रीय मंत्री परिषद में पर्यटन और आइटी मंत्री के तौर पर हाल ही में शामिल किये गये हैं. उन्होंने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का यह कहते हुए बचाव किया था कि वाहन मालिक भूखे नहीं मर रहे और पेट्रोल का खर्चा वहन कर सकते हैं. शिव सेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि गरीबों को कभी बेइज्जत नहीं किया गया, कांग्रेस के शासन में भी. इसमें कहा गया कि कन्नानथानम की इस टिप्पणी से मध्यम वर्गीय आदमी का अपमान किया गया है. शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस के शासन में जब ईंधन के दाम बढ़ रहे थे तब राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी और सुषमा स्वराज, जो अब मंत्री हैं, विरोध के लिए सड़कों पर बैठ गये थे.

शिवसेना ने कहा, राष्ट्र आज महसूस कर रहा है कि जब अयोग्य और जनता से नहीं जुड़े लोग सरकार में आते हैं और राष्ट्र पर शासन करते हैं तब क्या होता है. इसमें आरोप लगाया कि ईंधन का ज्यादा दाम ही देश भर में किसानों की खुदकुशी की मुख्य वजह है. शिवसेना ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतिदिन अच्छे दिन की हत्या की जा रही है.

पार्टी ने कहा, यह बहुत आश्चर्यजनक है कि अलफोंस अपने बयान को सही ठहराते हुए कह रहे हैं कि कैसे ईंधन के दाम बढ़ने के बाद भी लोग मर नहीं रहे हैं. संपादकीय में कहा गया है, इनकी सुनो! बिना किसी राजनीतिक अनुभववाले नौकरशाह से मंत्री बने इनमें ही शायद वह तमाम ‘गुण’ हैं जिनकी, बकौल अमित शाह, कांग्रेस में कमी है. अलफोंस जैसे लोग मुद्रास्फीति को सही बता रहे हैं. यह सच में बहुत दुखद है. मुद्रास्फीति और बेरोजगारी लोगों की चिंताओं को बढ़ा रही है. शिवसेना ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना में करोड़ों रुपये खर्च किए जायेंगे. अगर ये रुपये महंगाई से निपटने में लगाये जाते तो सभी लोगों को भला होता.

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