नयी दिल्ली : केंद्र ने गुरग्राम में एक छात्र की नृशंस हत्या और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक छात्रा से बलात्कार के आलोक में देशभर में विद्यालयों में सुरक्षा मानदंडों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाने का आज फैसला किया. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के बीच एक बैठक के दौरान यह फैसला किया गया.
यह भी सुझाव आया कि यहां एक फिजियोथेरेपी छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद गठित निर्भया फंड का उपयोग विद्यालयों के सुरक्षा मानदंडों के लिए किया जाए. बैठक के बाद मेनका गांधी ने कहा, बैठक में विद्यालय सुरक्षा के वर्तमान मानदंडों की समीक्षा की गयी और नये सुझावों पर चर्चा की गयी.
दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन और प्रगति की निगरानी के लिए छह सचिवों की एक समिति बनायी जायेगी. स्कूलों में बच्चों के खिलाफ बढते अपराध के बीच यह उच्च स्तरीय बैठक हुई है. इन अपराधों से शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा मानदंडों को लेकर बहस छिड़ गयी थी. इस समिति में मानव संसाधन विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, जनजातीय मंत्रालय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव होंगे.
करीब पचास मिनट तक चली बैठक में महिला ड्राइवर नियुक्त करने, स्कूलों में बाल उत्पीड़न के बारे में लघु फिल्में दिखाये जाने, बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के तहत जागरुकता बूथ स्थापित करने जैसे विषयों पर चर्चा हुई. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, सीबीएसई, एनसीईआरटी और केंद्रीय विद्यालय संगठन के प्रतिनिधियों ने भी इसमें हिस्सा लिया.