नयी दिल्ली : मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी में आये भूकंप ने भयंकर तबाही मचायी है. इसकी चपेट में आकर अबतक 250 लोगों की मौत हो चुकी है. इस भूकंप से सारी दुनिया सहम गयी है. भारत में इस भयावह खबर को पढ़ने वालों को रह-रहकर डर सता रहा है, इसका कारण यह है कि […]
नयी दिल्ली : मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी में आये भूकंप ने भयंकर तबाही मचायी है. इसकी चपेट में आकर अबतक 250 लोगों की मौत हो चुकी है. इस भूकंप से सारी दुनिया सहम गयी है. भारत में इस भयावह खबर को पढ़ने वालों को रह-रहकर डर सता रहा है, इसका कारण यह है कि हाल ही में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने कहा था कि देश की राजधानी दिल्ली और नौ राज्यों की राजधानियों सहित देश के 29 शहर और कस्बे ‘गंभीर’ से ‘बेहद गंभीर’ भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं.
इस क्षेत्रों में अधिकतर इलाके हिमालय क्षेत्र में हैं, जो दुनिया में भूकंप की दृष्टि से सबसे ज्यादा सक्रिय इलाकों में आते हैं. इस रिपोर्ट की मानें तो, दिल्ली, पटना (बिहार), श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर), कोहिमा (नगालैंड), पुदुच्चेरी, गुवाहाटी (असम), गंगटोक (सिक्किम), शिमला (हिमाचल प्रदेश), देहरादून (उत्तराखंड), इंफाल (मणिपुर) और चंडीगढ़ को भूकंपीय क्षेत्र 4 और 5 में रखा गया है. आपको बता दें कि इन सभी शहरों की कुल आबादी तीन करोड़ से भी ज्यादा है.
जानकारों की मानें तो टेक्टॉनिक प्लेटों में गतिविधि के कारण उत्तर भारत को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है लेकिन क्या आपको पता था कि दक्षिण में पवित्र तिरुपति मंदिर का शहर भी भूंकप के जोन में आता है. ‘जी हां’ वहां कभी भी लगभग 6.5 तीव्रता का भूकंप आ सकता है. इसका पता आईआईटी रूड़की ने लगाया है. दरअसल, हाल ही में आईआईटी रुड़की की टीम ने दक्षिण भारत में भूकंप के संभावित केंद्र का आकलन किया है.
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आईआईटी की इस रिपोर्ट से और भी कई जानकारियां मिलीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार यदि कभी दक्षिण भारत में भूकंप आता है तो तिरुमाला पहाड़ी इसका केंद्र बिंदु हो सकता है. यही नहीं तमिलनाडु के इलाके जैसे पलार और तरंगाबाड़ी इसकी चपेट में आ सकते हैं. रिपोर्ट की मानें तो यहां टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकरा सकते हैं जो भविष्य में भूकंप की वजह बन सकती है. दक्षिण में भूकंप से भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक तिरुपति को भारी जान-माल का नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार तरंगाबाड़ी या पलार के पास भूकंप से चेन्नई सहित 200 किमी के दायरे में आने वाली कई बस्तियां तबाह हो सकती हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार देश को भूकंप के क्षेत्र के आधार पर चार हिस्सों जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 में बांटा गया है. जोन-2 सबसे कम खतरे वाला क्षेत्र होता है जबकि जोन-5 को सर्वाधिक खतरनाक जोन माना जाता है.