बोले गृह मंत्री राजनाथ सिंह- रोहिंग्या मुसलमान देश के लिए खतरा, भारत से निकालना जरूरी
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि मानवधिकार का हवाला देकर अवैध शरणार्थियों को रिफ्यूजी बताने की गलती नहीं की जानी चाहिए. रिफ्यूजी स्टेटस प्राप्त करने के लिए एक प्रॉसेस होता है और इनमें से किसी ने इस तरीके का […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि मानवधिकार का हवाला देकर अवैध शरणार्थियों को रिफ्यूजी बताने की गलती नहीं की जानी चाहिए. रिफ्यूजी स्टेटस प्राप्त करने के लिए एक प्रॉसेस होता है और इनमें से किसी ने इस तरीके का पालन नहीं किया है. गृह मंत्री ने कहा कि म्यांमार से भारत घुस आये रोहिंग्या रिफ्यूजी की श्रेणी में नहीं आते हैं. इस सच्चाई को हमें समझना होगा. इस मामले में भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करेगा.
Myanmar se Bharat ghus aaye ye #Rohingya refugee nahi hain iss sachchai ko hume samajhna chahiye: Home Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/O9s37ltQje
— ANI (@ANI) September 21, 2017
सिंह ने मामले में सुरक्षा से जुड़ी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा सबसे अहम है और रोहिंग्या मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है. भारत में रह रहे अवैध रोहिंग्या मुसलमानों को भारत छोड़ना ही पड़ेगा.
Refugee status prapt karne ke liye ek process hota hai aur inmein se kisi ne iss procedure ko follow nahi kia hai: HM Rajnath #Rohingyas
— ANI (@ANI) September 21, 2017
उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं के मुद्दे पर म्यांमार से बात हुई है. म्यांमार इन्हें वापस लेने को तैयार है. रोहिंग्या भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची ने कहा था, रोहिंग्या समूहों ने म्यांमार पर हमले कराये. म्यांमार ने उन्हें संरक्षण दिया, लेकिन इसका नतीजा क्या निकला? जो लोग म्यांमार वापस आना चाहते हैं, उनके लिए रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
India won't be violating any international law by deporting #Rohingyas from India, as it isn't a signatory to 1951 UN Refugee Convention: HM pic.twitter.com/diVMprFndj
— ANI (@ANI) September 21, 2017
गौर हो कि भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं. मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के रुख का विरोध करेगा. यही नहीं वह रोहिंग्या मुस्लिमों को यहां रहने देने के पक्ष मे अपनी बात कहेगा. केंद्र सरकार म्यामांर से भारत पहुंचे रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने जा रही है.
People should understand that one aspect of illegal immigration of #Rohingyas is related with the national security: HM Rajnath Singh
— ANI (@ANI) September 21, 2017