नयी दिल्ली : देश की तीसरी बड़ी एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं. मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक अब वे देश के बड़े टीवी चैनल एनडीटीवी को खरीदने वाले हैं. एनडीटीवी चैनल का स्वामित्व प्रणय राय एवं उनकी पत्नी राधिका राय के पास है. खबर है कि अजय सिंह एनडीटीवी की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेंगे और प्रणय व राधिका के पास मात्र 20 प्रतिशत हिस्सेदारी रह जायेगी.अजय सिंह द्वारा एनडीटीवी के अधिग्रहण की खबर को इंडियन एक्सप्रेस ने एक्सक्लूसिव खबर के रूप में प्रकाशित किया है.अजय सिंह के जीवन का सफर करिश्माई रहा है. दिल्ली आइआइटी का यह स्नातक उद्योग और राजनीतिक संबंधों को एक साथ साधने में माहिर हैं और अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग हर क्षेत्र में करते हैं. उन्होंने 2004 में एक बीमार व लगभग बंद हो चुकी विमानन कंपनी को खरीदा और दशक भर में घरेलू उड़ान के लिहाज से उसे देश की तीसरी बड़ी विमानन कंपनी के रूप में खड़ा कर दिया.
वहीं, द हिंदूअखबारकीवेबसाइट ने खबर दी है कि एनडीटीवी केआधिकारिक सूत्रों नेअधिग्रहण की खबरों को खारिज किया है.दहिंदू नेलिखा है कि आज शाम तक इस संबंध में एनडीटीवी की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया जायेगा. वहीं, स्पाइसजेटके प्रमुख अजय सिंह का इस पर अबतक पक्ष नहींआया है.
अजय सिंह का राजनीतिक संबंध
अजय सिंह भाजपा केदिवंगतनेता प्रमोद महाजन केबेहद करीब थे.वाजपेयी युग में महाजन भाजपा के सबसे प्रभावशाली युवा नेता थे और यह धारणा था कि भाजपा का संगठन उनके अनुसार ही चलता है. अटलबिहारी वाजपेयी कीसरकार मेंजबप्रमोदताकतवर मंत्रीथे तब अजय सिंह उनके ओएसडी थे. ऐसा नहीं है कि एनडीटीवी के जरिये ही अजय सिंह मीडिया इंडस्ट्री में रुचि ले रहे हैं. उन्होंने वाजपेयी सरकार के दौरान डीडी स्पोर्ट्स चैनल शुरू कराने में भी अहम भूमिका निभाई. संभवत: मीडिया इंडस्ट्री में यह उनका पहला प्रयोग था. महाजन के निधन के बाद भी अजय सिंह के भाजपा के बड़े नेताओं व पार्टी से उनके रिश्ते बने रहे. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भूमिका निभाई. उन्होंने ही एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए अबकी बार मोदी सरकार का नारा दिया, जो न केवल काफी सफल रहा, बल्कि हर किसी की जुबान पर चढ़ गया.
अजय सिंह का ऐसा रहा है कैरियर
अजय सिंह दो दशक पूर्व डीटीसी यानी दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के बोर्ड में रहे हैं. अजय सिंह ने डीटीसी में नये प्रयोग कराये औरइसकी बसों की संख्या कम ही समय में 300 से बढ़ कर 6000 हो गयी. उन्होंने एक एंटरप्रेन्योर के रूप में अपना कैरियर बढ़ाया और देश के प्रमुख कारोबारियों की कतार में खड़ा होने में उनके लिए 2004-2005 में एक एयरलाइन कंपनी को टेकओवर करना काम आया. यह कंपनी थी मोदीलुफ्त, जो प्रतिष्ठित विदेशी एयरलाइंस कंपनी लुफ्तांजा एवं भारतीय कारोबारी एसके मोदी की हिस्सेदारी वाली थी. यह कंपनी लगभग बंद हो गयी थी, लेकिन अजय सिंह ने इसका कायापलट कर दिया.
स्पाइसजेट लो कॉस्ट एयरलाइन सर्विस के लिए जानी जाती है.
अजय सिंह 27 अगस्त 2010 तक स्पाइसजेट के डायरेक्टर रहे, लेकिन बाद में सन ग्रुप के चेयरमैन व एमडी कलानिधि मारन के हाथों मालिकाना ट्रांसफर हो गया. मारन ने कंपनी के 38.7 प्रतिशत शेयर खरीद लिये. अजय सिंह पर बोर्ड छोड़ने का दबाव बना. लेकिन, अजय सिंह हार मानने वाले कारोबारी नहीं थे. उन्होंने 15 जनवरी 2015 को फिर स्पाइसजेट का मालिकाना मारन परिवार से हासिल कर लिया. अजय सिंह ने जब दोबारा स्पाइसजेट संभाला तब उसका प्रति शेयर कीमत 19 रुपये के आसपास था और आज 144 रुपये के आसपास है. शेयर मूल्य में यह उछाल साढ़े सात गुना है. पौने तीन साल में यह उछाल करिश्माई है. नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में छोटी दूरी के बीच विमान परिचालन एवं सस्ता किराया वाली विमानन सेवा के लिए लायी गयी उड़ान स्कीम के बाद स्पाइसजेट के शेयर में कुछ ही महीनों में ढाई गुना का उछाल आया. दरअसल, अजय सिंह इन योजनाओं पर पहले से काम कर रहे थे और सरकार की नयी पॉलिसी उनके कारोबार के अनुकूल थी.
विमानन क्षेत्र में कीर्तिमान बना चुके अजय सिंह अब मीडिया इंडस्ट्री में भी नये कीर्तिमान बनाने के प्रयास की ओर आगे बढ़ चुक हैं, लेकिन उसे देखने के लिए हमें आने वाले समय का इंतजार करना होगा.