यूएनओ में आतंकवाद को लेकर सुषमा का पाकिस्तान पर हमला, बोलीं – मत बनाओ राष्ट्रनीति

संयुक्त राष्ट्र: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी बहुपक्षीय बैठकों में आतंकवाद से लड़ने की जरूरत पर बल दिया और पाकिस्तान को बेहद कड़ा संकेत दिया कि वह राष्ट्र की नीति केरूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करे. सुषमा के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में शामिल होने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2017 2:36 PM

संयुक्त राष्ट्र: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी बहुपक्षीय बैठकों में आतंकवाद से लड़ने की जरूरत पर बल दिया और पाकिस्तान को बेहद कड़ा संकेत दिया कि वह राष्ट्र की नीति केरूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करे. सुषमा के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए फिलहाल न्यूयॉर्क में मौजूद सुषमा ने ब्रिक्स, इबसा, दक्षेस और इंडिया-सीइएलएसी सहित अन्य समूहों के नेताओं के साथ बहुपक्षीय बैठकें कीं. ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) पांच सदस्यीय समूह है, इबसा (भारत, ब्राजील और दक्षिण एशिया) तीन सदस्यीय ब्लॉक है और सीइएलएसी- कम्युनिटी ऑफ लैटिन अमेरिकन एंड कैरेबियन स्टेट है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कल यहां संवाददाताओं से कहा, विदेश मंत्री के साथ हुई लगभग सभी बहुपक्षीय बैठकों के बाद जारी ज्यादातर प्रेस विज्ञप्तियों और बयानों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का जिक्र जरूर रहा है. यह बहुत मजबूती से रखा गया है. कुमार ने कहा, विदेश मंत्री ने स्वयं अपने भाषण में अन्य देशों की मदद से गतिविधयां चला रहे आतंकवादी समूहों पर जोरदार हमला बोला. वास्तव में यह पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संकेत है कि उसे राष्ट्र की नीति के रूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुषमा ने आतंकवादी नेटवर्कों और आतंकवादियों को वित्त पोषण बंद करने का भी आह्वान किया.

त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होने के साथ-साथ सुषमा ने कजाख्स्तान और अर्जेंटीना के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. वे देर शाम वह राष्ट्रमंडल मंत्रिमंडलीय कार्य समूह की ओर से आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हुईं.

भारत से निपटने के लिए पाकिस्तान ने बना लिये हैं छोटे एटमी हथियार

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि ब्रिक्स बैठक में नेताओं ने श्यामेन घोषणापत्र और अन्य सम्मेलनों के परिणामों को भी पूर्णता से लागू करने की प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने कहा, यह बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बाद में संयुक्त रूप से जारी बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात भी कही गयी थी.

कुमार ने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तृत सुधार और उसमें विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढाने की जरूरत पर सभी सहमत हुए. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने बेहदकड़े शब्दों में आतंकवादियों से निपटने तथा कांप्रिहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआइटी) को स्वीकार किये जाने को कहा. इसमें आतंकवाद से निपटने में ब्रिक्स की भूमिकाओं को भी बताया गया है.

सुषमा की अध्यक्षता में हुई इबसा की बैठक में उन्होंने कहा कि आतंकवाद दुनिया के लिए खतरा है. कुमार ने कहा, इस समूह में शामिल सभी देश इस प्रकृति के खतरे पर सहमत हुए. हमने इबसा के विदेश मंत्रियों की बैठक में घोषणा की कि भारत 2018 में छठवीं इबसा बैठक की मेजबानी करेगा. ब्रिक्स और इबसा की बैठकों के बाद सुषमा दक्षेस देशों के सभी विदेश मंत्रियों के साथ दोपहर के भोज में भी शामिल हुईं.

उन्होंने कहा कि बैठक में सुषमा ने भारत की क्षेत्रीय नीतियों के तहत उसके द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी. कुमार ने कहा, हमने दक्षिण एशिया उपग्रह की बात की, हमने दक्षिण एशिया विश्वविद्यालय पर चर्चा किया और दक्षेस आपदा प्रबंधन केंद्र की दिशा में हुई प्रगति पर भी बात की. हमने मुख्य मुद्दों केरूप में ऊर्जा और संपर्क पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, विदेश मंत्री ने फिर से, आतंकवाद को अभिशाप बताते हुए कहा कि इसे समाप्त किया जाना चाहिए और अनुरोध किया कि आतंकवाद का पोषण करने वाली पारिस्थितिकी का अंत होना चाहिए. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि पाकिस्तान और दक्षेस के अन्य सदस्यों की इस पर क्या प्रतिक्रिया रही.

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