नरेंद्र मोदी ने कहा,बारू की किताब पर सोनिया चुप क्यों

नयी दिल्ली:दूसरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कांग्रेस पार्टी ने शक्तियां छीन ली थीं क्योंकि सोनिया गांधी मंत्रिमंडल और पीएमओ में महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर फैसला कर रही थीं और ऐसा लगता है कि उन्होंने सोनिया और संप्रग के घटक दलों के समक्ष ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया. प्रधानमंत्री के अपनी सरकार पर से समूचा नियंत्रण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2014 7:45 PM

नयी दिल्ली:दूसरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कांग्रेस पार्टी ने शक्तियां छीन ली थीं क्योंकि सोनिया गांधी मंत्रिमंडल और पीएमओ में महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर फैसला कर रही थीं और ऐसा लगता है कि उन्होंने सोनिया और संप्रग के घटक दलों के समक्ष ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया.

प्रधानमंत्री के अपनी सरकार पर से समूचा नियंत्रण खोने की यह तस्वीर हाल में ही प्रकाशित मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारु की पुस्तक से उभरती है. बारु ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच ‘सतर्क समीकरणों’ और अपने मंत्रियों के साथ सिंह के ‘अक्सर गडबड’ संबंधों के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है.

इस मामले को लेकर बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सोनिया पर निशाना साधते हुए कहा ,’प्रधानमंत्री के पद की गरिमा कम की गई. किताब में किए गए खुलासों के 24 घंटे बाद भी सोनिया ने चुप्पी साधी हुई है.

वरिष्ठ संपादक और साल 2004 से 2008 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे बारु ने सिंह को उनसे यह कहते हुए उद्धृत किया है कि सत्ता के दो केंद्र नहीं हो सकते हैं. एक न्यूज चैनल के अनुसार पेंगुइन द्वारा प्रकाशित ‘‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर- द मेकिंग एंड अनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह’’ पुस्तक की पृष्ठ संख्या 301 के अनुसार प्रधानमंत्री ने बारु से कहा, ‘‘इससे भ्रम पैदा होता है.
मुझे स्वीकार करना है कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र हैं. सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है.’’ बारु लिखते हैं कि साल 2009 में कांग्रेस पार्टी को चुनावी जीत दिलाने के बाद सिंह ने ‘‘इस बात की कल्पना करके प्रमुख गलती की कि यह जीत उनकी है.’’ उन्होंने खुद को समझा लिया होगा कि उनके प्रदर्शन और नियति ने उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाया, न कि सोनिया ने. इस पूरे मामले पर पीएमओ की ओर से भी बयान आया है जिसमें कहा गया कि लेखक ने इस पुस्तक में कई बातें कल्पना के आधार पर लिखी है. जिसमें जरा भी सच्चाई नहीं है.

Next Article

Exit mobile version