पाकिस्तान ने 9 ठिकानों पर छुपा रखे हैं परमाणु हथियार, जिसपर है आतंकियों की नजर
नयी दिल्ली : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाक़ान अब्बासी ने पिछले दिनों ही अपने देश के एटमी हथियारों का बखान किया था लेकिन अब ऐसी खबर आ रही है जिससे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की चिंता बढ़ सकती है. ‘जी हां’ अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इन हथियारों को लेकर कहा जा रहा […]
नयी दिल्ली : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाक़ान अब्बासी ने पिछले दिनों ही अपने देश के एटमी हथियारों का बखान किया था लेकिन अब ऐसी खबर आ रही है जिससे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की चिंता बढ़ सकती है. ‘जी हां’ अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इन हथियारों को लेकर कहा जा रहा है कि ये आतंकियों के हाथ लग सकते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) की एक रिपोर्ट के हवाले से जानकारी दी है कि पाकिस्तान ने देश के 9 अलग-अलग ठिकानों पर अपने परमाणु हथियार छिपाये हुए हैं. रिपोर्ट बनाने में शामिल अमेरिकी परमाणु हथियार विशेषज्ञ हांस क्रिस्टनसन ने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु हथियार लॉन्च करने में सक्षम अलग-अलग सैन्य ठिकानों में स्थित स्टोरेज में ये परमाणु आयुद्ध छुपा रखे हैं.
भारत से निपटने के लिए पाकिस्तान ने बना लिये हैं छोटे एटमी हथियार
अखबार ने क्रिस्टनसन के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान लॉग रेंज एटमी मिसाइलों के अलावा शॉर्ट रेंज परमाणु हथियारों का जखीरा भी एकत्रित कर रखा है. इस परमाणु हथियारों को संभवत: क्षेत्रीय स्टोरेज साइट्स भेजा जाता है, जहां से उन्हें असेंबल कर लॉन्च बेस तक पहुंचाने का काम किया जाता है.
क्रिस्टनसन आगे बताते हैं कि क्योंकि छोटी दूरी वाले ये हथियार युद्ध की शुरुआत में ही इस्तेमाल के मकसद से बनाये गये हैं, इसलिए इन आयुद्धों को संघर्ष की शुरुआत में ही विभिन्न मोर्चों पर भेजा जाता है जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है. अगर परंपरागत हमलों में इसका इस्तेमाल किया गया तो सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल व्यापक परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ सकता है.
क्रिस्टेनसन और रॉबर्ट नोरिस की इस रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गयी है कि पाकिस्तान के अभी 130-140 परमाणु हथियार हैं और वह अपने जखीरे को तेज गति से बढ़ा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने ऐसी कोई विश्वसनीय सूचना सार्वजनिक नहीं है कि वह अपने हथियार कहां बना रहा है और कहां रख रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे में हमने सैटेलाइट तस्वीरों, विशेषज्ञों के अध्ययन और स्थानीय अखबारों में छपी रिपोर्ट के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि वहां के परमाणु हथियार कहां हो सकते हैं.