नयीदिल्ली : गुजरात व हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी में अमित शाह ने अपने अध्यक्षीय भाषण से यह संकेत दे दिया कि मिशन – 2019 के लिए उनका निशाना कौन होंगे. अमित शाह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संभावित अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना बोला. देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता के रूप में शाह को यह अंदाज है कि उनका मुकाबला राहुल के नेतृत्व व कौशल से ही होना है, इसलिए उन्होंने सीधे राहुल को निशाने पर लिया.
अमित शाह ने कार्यकारिणी की बैठक में न्यू इंडिया की सोच के आधार पर 2019 के चुनाव में बड़ी जीत का खाका पेश किया.इसमें गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की राजनीति को देश से समाप्त करने की बातों का प्रमुखता से उल्लेख किया. जीएसटी के माध्यम से कर नीति एवं डोकलाम व आतंकवाद के मुद्दे पर कूटनीतिक सफलता का उन्होंने प्रमुखता से उल्लेख किया. यानी अमित शाह ने 2019 के चुनाव में गिनाने के लिए काम और हमले के लिए नाम तय कर लिया है.
दिलचस्प यह कि जब अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक हो रही है, ठीक इसी दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उनके गृह प्रदेश गुजरात के तीन दिन के दौरे पर गये हैं और वहां उन्होंने द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चन कर भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. अमित शाह ने अमेरिका में राहुल गांधी द्वारा वंशवाद के संबंध में दिये गये बयान पर तीखा हमला बोलते हुए उसे खारिज किया.
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राहुल गांधी पर अमित शाह क्या-क्या बोले?
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि भाजपा काम करके दिखाने की राजनीति में विश्वास करती है और कांग्रेस एवं राहुल गांधी के वंशवाद एवं तुष्टिकरण की राजनीति को वह सफल नहीं होने देगी. अमित शाह ने कहा कि प्रतिभा के बल पर कोई भी शीर्ष पर पहुंच सकता है. इस क्रम में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का नाम लिया. वंशवाद और तुष्टिकरण की जो राजनीति कांग्रेस और राहुल गांधी कर रहे हैं, उसे भाजपा पूरी तरह से नकारती है. ऐसी राजनीति को देश की जनता भी नकारती है.
मिशन – 2019 के लिए सांसदों-विधायकों को सीख
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में देश भर से आये पार्टी विधायकों, सांसदों, मुख्यमंत्रियों समेत पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भाजपा सुशासन की राजनीति में विश्वास करती है. राजनीति ऐसी हो जो जनता के हितों के अनुरूप कार्य करें, जनता की समस्याओं का हल निकाले, जनता के जीवन में सुधार लाने का कार्य करे और हर व्यक्ति की आशा, आकांक्षा को पूरा कर सके.शाहकीयहसीख स्पष्टरूपसे 2019 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2017से लेकर 2018 तक गुजरात,हिमाचल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान,छत्तीसगढ़मेंहोने वाले विधानसभा चुनावों से जुड़ी है. शाह जानते हैं किउनकेकार्यकाल में पार्टी का जो आभामंडल बना है उसको बनाये रखने के लिए इन राज्यों मेंचुनावीजंगमेंजीत हासिल करनी ही होगी.
शाह ने न्यू इंडिया की सोच के आधार पर 2019 के चुनाव में बड़ी जीत का खाका पेश किया, ये हैं अहम बिंदु
नयी दिल्ली : भाजपा ने आज गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की राजनीति को देश से समाप्त करने की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यू इंडिया की सोच के आधार पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत का खाका पेश किया और भय, भूख एवं भ्रष्टाचार से मुक्त भाारत बनाने केलिए अगले पांच वर्षो केलिए पार्टी की रणनीति सामने रखी. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के दौरान एक राजनीति प्रस्ताव भी पारित हुआ जिसमें पिछले तीन वर्षो में सरकार की ओर से आर्थिक एवं ग्रामीण विकास के संदर्भ में किये गए कार्यो की सराहना की गयी. इसमें पड़ोसी देशों के साथ संबंध समेत विदेशी नीति, आतंकवाद एवं आतंकी संगठनों के खिलाफ सरकार के कदमों के अलावा आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा की स्थिति पर सरकार की सफलता का जिक्र किया गया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बैठक की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि बैठक के दौरान एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित हुआ.
एक राष्ट्र, एक कर यानी जीएसटी
इसमें सबसे पहला विषय एक राष्ट्र, एक कर का था. स्वाधीनता के बाद यह जीएसटी के रूप में सबसे बड़ी आर्थिक सुधार पहल है. जीएसटी को लागू करने के बारे में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों की आलोचना के संदर्भ में गडकरी ने कहा कि जीएसटी लागू करने का काम स्वभाविकरूप से शुरू हुआ है. शुरुआत में थोड़ी समस्या आती है. लेकिन देश की आर्थिक स्थिति इससे बेहतर होगी और आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं कोबड़ी सुविधा मिलेगी. कार्यकारिणी की बैठक में जीएसटी जैसे आर्थिक सुधार कार्यक्रम को लागू करने पर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया गया. गडकरी ने बताया कि प्रस्ताव में आतंकवाद और अलगवावाद की भी चर्चा हुई है.
सफल विदेश नीति
पुरानी सरकार की नीति और कार्यो पर हम कोई टीका टिप्पणी नहीं कर रहे हैं लेकिन जो ठोस नीति चाहिए थी, वह नहीं थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने एक तरफ विकासकार्यों को आगे बढाया, ग्रामीण आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने की पहल की, साथ ही आतंकवाद का सहारा लेकर लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का प्रयास करने वालों पर कठोरकार्रवाई की. प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने विदेश नीति के क्षेत्र में अहम पहल की. प्रधानमंत्री की परिपक्व नीति के कारण न केवल हम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद को प्रमुख विषय केरूप में रखने में सफल रहे बल्कि पाकिस्तान का आतंकवाद के विषय पर पर्दाफाश कर सके.
डोकलाम की सफलता
डोकलाम पर चीन के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने अद्भुत परिपक्वता और कूटनीति का परिचय दिया जिससे हम इस विवाद को सुलझाने और तनाव दूर करने में सफल रहे. इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि अमित शाह ने जोर दिया कि आजादी के 70 वर्ष गुजर जाने के बाद भी अभी भी हम समस्याओं से जूझ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने न्यू इंडिया के दृष्टिकोण को देश के समक्ष रखा है और पार्टी कार्यकर्ता इस दृष्टिकोण को संकल्प के साथ आगे बढाएं. उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षो के दौरान सभी कार्यकर्ता खुद को पार्टी के विस्तार और जनता के हितों के कार्य में लगायेंगे, साथ ही गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की राजनीति को देश से समाप्त करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की न्यू इंडिया संबंधी सोच पर प्रतिबद्धता के साथ अमल करेंगे.