ओरलैंडो : माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने अपने जीवन से जुड़़ी काफी दिलचस्प बातों का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि अपनी नवविवाहित पत्नी को अमेरिका लाने के लिए उन्होंने अपना ग्रीन कार्ड लौटा दिया था और एच-1 बी वीजा के लिए आवेदन किया था. अमेरिका में मिली स्थायी निवास की अनुमति उनकी पत्नी को यहां लाने के बीच बाधा बन रही थी. उनके इस कदम के बाद रेडमॉन्ड स्थित माइक्रोसॉफ्ट परिसर में उनकी काफी आलोचना हुई थी. अपने करियर के शुरुआती दौर में, अपने हाथों में ग्रीन कार्ड होते हुए भी एक समय पर उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी छोड़ने और भारत लौटने पर गंभीरता से विचार किया था.उन्होंने ऐसा इसलिए सोचा था क्योंकि अमेरिकी कानून के मुताबिक यदि कोई ग्रीन कार्ड धारक शादी करता है तो उसकी पत्नी या पति का वीजा खारिज कर दिया जाता है. इस कानून की वजह से उनकी पत्नी अनु सिएटल में उनके पास नहीं आ पा रही थीं.
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यह कानून आज भी लागू है.
ये दिलचस्प बातें उन्होंने अपनी किताब हिट रिफ्रेश में बताई हैं जो अमेरिका में आज अधिकारिक तौर पर जारी हुई है. किताब में उन्होंने कहा, यहां काम करते रहने के दौरान, एच1 बी वीजा आपको अपने साथी को अमेरिका लाने की इजाजत देता है. यह इस आव्रजन कानून का उल्टा तर्क है. मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता था. अनु मेरी प्राथमिकता थी और इससे मेरा फैसला आसान हो गया. नडेला ने बताया कि वह वापस दिल्ली में अमेरिकी दूतावास गए और वहां ग्रीन कार्ड वापस कर एच1 बी वीजा के लिए आवेदन किया जिसके बाद वह अपनी पत्नी को सिएटल ला पाने में कामयाब हुए.
नडेला पहली बार अपनी पत्नी से हैदराबाद पब्लिक स्कूल में मिले. दोनों के पिता एक-दूसरे के दोस्त थे. बाद में जाकर इन दोनों ने शादी कर ली. नडेला के तीन बच्चे हैं.मणिपाल इंस्टीच्यूट से इन्होंने इंजीनयरिंग की डिग्री ली. इसके बाद शिकागो बिजनेस स्कूल से एमबीए और यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन से कम्पयूटर साइंस में एम एस की डिग्री हासिल की .सत्या नडेला का जन्म हैदराबाद में हुआ. नडेला की स्कूलिंग हैदराबाद पब्लिक स्कूल से हुई.