निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के रक्षामंत्री के समक्ष पाकिस्तान के आतंकवाद का मुद्दा उठाया

नयी दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच आज रक्षामंत्री के स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता हुई. रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस के बीच आज आतंकवाद, अफगानिस्तान सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. द्विपक्षीय वार्ता के बाद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारे पड़ोस की स्थिति और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2017 4:08 PM

नयी दिल्ली : भारत और अमेरिका के बीच आज रक्षामंत्री के स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता हुई. रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस के बीच आज आतंकवाद, अफगानिस्तान सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. द्विपक्षीय वार्ता के बाद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारे पड़ोस की स्थिति और सीमा-पार आतंकवाद के बढते खतरे पर विस्तार से चर्चा हुई. इस मुद्दे पर हम दोनों देशों के रुख में समानता बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात का महत्व समझते हैं कि उन लोगों को देखना होगा जो आतंकवाद को अपनी राष्ट्रनीति के उपकरण के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और उस आधारभूत ढांचे को नष्ट किया जाये जो आतंकवाद का समर्थन करता है.इस महीनेकी शुरुआत में रक्षामंत्री का पदसंभालने वाली निर्मला सीतारमणकी यह पहली अहमरक्षावार्ता है. उन्होंने साफगोईसे अमेरिकी रक्षामंत्री सेपाकिस्तान सेआतंकवाद पर सवाल पूछने का भी आग्रह किया. उन्होंने अमेरिकी रक्षामंत्री के समक्ष पाकिस्तान को मिलने वालीआर्थिक मदद का मुद्दा भी उठाया.

भारत और अमेरिका ने आज रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तौर तरीकों के साथ ही आतंकवाद को बढावा दे रहे पाक तथा अफगानिस्तान से जुड़े अहम मुद्दों पर भी चर्चा की. इस दौरान भारत ने साफ किया कि वह अफगानिस्तान में सैनिक नहीं भेजेगा, हालांकि वहां के नवनिर्माण में अपना सहयोग जारी रखेगा. उल्लेखनीय है अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के कैबिनेट रैंक के पहले सदस्य के रूप में वहां के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने भारत का दौरा किया है. मैटिस ने नयी दिल्ली रवाना होने से पहले ही भारत को क्षेत्र में स्थिरता एवं सुरक्षा का स्तंभ बताया.
निर्मला ने कहा कि मैंने अमेरिकी रक्षामंत्री को उनके ही पूर्व के वक्तव्य के आधार पर बताया कि पाकिस्तान में वैसी ताकतें आश्रय पाती हैं जो न्यूयॉर्क सहित दूसरी जगहों को निशाना बनात रही हैं. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के समक्ष सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया और उनसे आग्रह किया कि वे जब पाकिस्तान के दौरे पर जायें तो वहां सीमा पार आतंकवाद और आतंकियों के सुरक्षित ठिकाने होने का मुद्दा उठायें.
वहीं, अमेरिकी रक्षामंत्री ने कहा कि हमदोनों देशों ने आतंकवाद के वैश्विक खतरों को रेखांकित किया है. हमलोग इस मुद्दों पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं. अमेरिका के रक्षामंत्री जॉन मैटिस का भारत दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के महज दो महीने बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत अवश्य अहम भूमिका निभाये.

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