सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम बन गया है, जिसने भाषा की दीवारों को तोड़ कर पूरी दुनिया के लोगों को करीब ला दिया है. कुछ लोगों का मानना है कि आधुनिक दौर में तकनीक ने लोगों के मन से त्याग, प्रेम जैसी अहम भावनाएं खत्म कर दी है. घर में बैठे लोग अपने मां-पिता से बात नहीं करते, उनके लिए वक्त नहीं निकालते, हर वक्त बस मोबाइल की स्क्रीन पर आंख गड़ाये रखते हैं. इस मिथ को तोड़ता है मॉरीशस का एक विज्ञापन.
इस विज्ञापन में बेटी अपने पिता से वीडियो कॉल के जरिये बात कर रही है. वह खुश है कि इस बार दिवाली में उसे अपने पिता के पास जाना है. इस वीडियो चैट के दौरान बेटी का ध्यान पिता के खराब हो रहे चश्मे पर जाता है. इस पर बेटी को पिता के लिए दिवाली गिफ्ट के तौर पर नया चश्मा देने का ख्याल आता है. जब वह पिता के पास आती है, तो अपने हाथों से उनका पुराना चश्मा उतार कर नया पहनाती है. अपनी मां के लिए भी वह नया चश्मा लेकर आयी है.
यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस विज्ञापन ने पुरानी बहस को एक बार फिर छेड़ दिया है कि आज के युवा क्या सिर्फ तकनीक के पीछे हैं या हर दिन तेज हो रहे कंपीटिशन के इस दौर में उन मूल्यों को भी बरकरार रखा है, जो उन्हें पूर्वजों से मिले हैं. संस्कार, सम्मान जैसे शब्द क्या आज के युवाओं के लिए मायने रखते हैं? इसे लेकर लोग अलग- अलग राय रखते हैं लेकिन इस एक विज्ञापन ने कई लोगों के दिलों मे जगह बना ली है.
गौर करने वाली बात यह है कि विज्ञापन मॉरीशस की भाषा में है. हिंदी पट्टी के लोग इस भाषा को समझते तक नहीं, इसके बावजूद विज्ञापन में बेटी का जो मां- पिता के लिए प्रेम दिखाया गया है, सीधे लोगों के दिलों तक पहुंचा. किसी ने सच ही कहा है, कभी कभी आपको किसे के दिल की बात समझने के लिए शब्दों की जरूरत नहीं होती.