अभिव्यक्ति की आजादी के क्या मायने हैं? यह सवाल इसलिए लाजिमी है क्योंकि कई बार इस आजादी का उपयोग इस तरह से होता है कि कई दुष्प्रभाव सामने आने लगते हैं, ऐसे में जरूरी है कि अभिव्यक्ति की आजादी को थोड़ा संशोधित किया जाये. यह कहना है change.org वेबसाइट का. इस वेबसाइट के जरिये अंतरा सेन दवे ने टाइम्स अॅाफ इंडिया समाचार पत्र के खिलाफ एक ‘सिगनेचर कैंपेन’ चलाया है. इस कैंपेन का उद्देश्य अखबार में प्रकाशित होने वाले एक ‘ग्राफिक नोवेल’ एजेंट राणा का प्रकाशन बंद करवाना है.
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change.org के जरिये अंतरा कहतीं हैं कि अखबार जो ‘ग्राफिक नोवेल’ प्रकाशित कर रहा है वह बच्चों के पढ़ने लायक नहीं है, क्योंकि इसमें ‘सेक्सुल कंटेंट’ बहुत ज्यादा होता है. यह कंटेंट बच्चों के लिए किसी भी तरह उपयुक्त नहीं कहा जा सकता है. साइट पर कुछ ‘नॉवेल के कुछ उदाहरण भी दिये गये हैं. मसलन – “I will give you the time of your life in bed tonight”
“I will keep the bed warm for you”
“My hero.. You were masterful with them.. Now I will make it worth your while”
अंतरा का कहना है कि उनके बच्चे सात और 10 साल के हैं और वे दोनों रोज उस अखबार को पढ़ते हैं. चूंकि अखबार में यह नॉवेल ‘ग्राफिक’ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है इसलिए उनका ध्यान इसपर जाता है. उन्होंने बताया कि किस तरह उनके बच्चे नॉवेल के हिस्सों पर चर्चा कर रहे हैं.
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अंतरा का कहना है कि मैं अभिव्यक्ति की आजादी की विरोधी नहीं हूं, लेकिन मैं चाहती हूं इस तरह के नॉवेल प्रतिदिन के अखबारों में प्रकाशित ना किये जायें. अपनी इस डिमांड को लेकर अंतरा सामने आयी हैं और उन्होंने टाइम्स अॅाफ इंडिया के खिलाफ एक ‘सिगनेचर कैंपेन’ चलाया है. अंतरा ने यह अभियान अकेले शुरू किया था, लेकिन आज इस कैंपेन में उनके 16,745 साथी हैं. अगर आप भी इस कैंपेन में अंतरा के साथी बनना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें और ‘सिगनेचर कैंपेन’ को अपना समर्थन दें.