नयी दिल्ली : अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला करके राजनैतिक तूफान खड़ा कर चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत पर चर्चा के लिये उन्होंने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा था लेकिन उन्हें समय नहीं मिला. उन्होंने राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों से कहा, मैंने पाया कि मेरे लिये दरवाजे बंद थे.
इसलिये, मेरे पास (मीडिया में) बोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. मुझे विश्वास है कि मेरे पास (प्रधानमंत्री को देने के लिये) उपयुक्त सुझाव हैं. अर्थव्यवस्था की हालत के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली की उनकी आलोचना को सरकार द्वारा नकारे जाने से बेपरवाह भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा अपनी बात पर कायम रहे और उम्मीद जतायी कि केंद्र अपनी आर्थिक नीतियों की दिशा में बदलाव करेगा.
सिन्हा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम जैसे लोग जिन्हें वित्तीय मामलों पर विशेषज्ञ माना जाता है अगर बोलें तो उस समय की सरकार को उसे सुनना चाहिये. उन्होंने उन लोगों की राय को राजनैतिक शब्दाडंबर के तौर पर खारिज किये जाने के खिलाफ सलाह दी. भाजपा नेता ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार का नाम लिये बिना कहा कि केंद्रीय परियोजनाओं के लचर कार्यान्वयन के लिये उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि राजग पिछले 40 महीने से सत्ता में है.
यशवंत सिन्हा के विचार भाजपा और राष्ट्र के हित में : शत्रुघ्न
दिग्गज भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने किया अरुण जेटली पर हमला, नोटबंदी को भी कोसा
उन्होंने कहा कि एक अग्रणी अंग्रेजी दैनिक में लेख के जरिये अर्थव्यवस्था के बारे में चिंताओं को उजागर करने के पीछे का उद्देश्य सार्वजनिक पटल पर कुछ मुद्दों को लाना था ताकि सरकार अपनी दिशा में सुधार करे. सिन्हा ने कहा कि उन्होंने उम्मीद नहीं की थी कि उनका लेख इतना हंगामा खड़ा कर देगा.
उनकी राय की जयंत द्वारा आलोचना किये जाने का जवाब देते हुए 84 वर्षीय पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि सिर्फ संबंधित मंत्री या सरकार के प्रवक्ता को उसपर टिप्पणी करनी चाहिये थी. उन्होंने कहा, लेकिन अगर वे (सरकार) मानते हैं कि वह (जयंत) मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देने में बेहद सक्षम हैं तो मेरा सवाल है कि उन्हें वित्त मंत्रालय से क्यों हटाया गया. सिन्हा ने कहा कि वह और उनके पुत्र अपना-अपना धर्म निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसे पिता और पुत्र के बीच मुद्दे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये.