नयी दिल्ली : बीएचयू के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि अगर उनको छुट्टी पर जाने को कहा जाएगा तो वह अपने पद से त्यागपत्र दे देंगे. उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अभी तक उनसे ऐसा करने को नहीं कहा है.
मंत्रालय ने इस बीच त्रिपाठी के उत्तराधिकारी के लिए नामों को शॉर्टलिस्ट करने की सामान्य प्रक्रिया शुरू कर दी है. वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में हाल में हुई हिंसा से निपटने को लेकर विवाद के केंद्र में हैं. उनका कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
त्रिपाठी ने कहा, अब तक मुझसे इस तरह की कोई भी बात नहीं कही गई है. मैं घटना के दिन से मानव संसाधन विकास मंत्री (प्रकाश जावडेकर) से संपर्क में हूं और उनको स्थिति और उठाए गए कदमों से अवगत कराया है. लेकिन अगर मुझे छुट्टी पर जाने को कहा जाता है तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा.
कुलपति ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में कई काम किये हैं. उन्होंने कहा, बहुत कुछ किया है, कार्यकाल समाप्त होने से दो माह पहले छुट्टी पर जाना अपमानजनक होगा. ऐसे में मैं पद छोड़ना पसंद करुंगा.
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन नये कुलपति की नियुक्ति के समय बीएचयू परिसर में हिंसा पूरी तरह एक संयोग है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अशांति की स्थिति पैदा नहीं होती, फिर भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाती.
* बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ने इस्तीफा दिया
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रा के साथ कथित छेडछाड और पुलिस के लाठीचार्ज की घटना के बाद मचे बवाल के बीच संस्थान के चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओंकार नाथ सिंह ने घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि सिंह ने अपना इस्तीफा मंगलवार देर रात कुलपति जी. सी. त्रिपाठी को सौंपा, जिसे स्वीकार कर लिया गया है.
* क्या है बीएचयू मामला
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक छात्रा ने छेड़छाड़ की शिकायत की थी. उसने आरोप लगाया था कि जब वह परिसर के भीतर ही अपने छात्रावास की ओर लौट रही थी तो मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उसके साथ छेड़छाड़ की.