16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुंबई हादसा : शवों के माथे पर अस्पताल ने चिपकाये नंबर, मामला गरमाया

मुंबई : केईएम अस्पताल के बाहर भारी अफरा-तफरी का माहौल है. परिजन एलफिन्सटन रोड स्टेशन हादसे में मारे गये अपने परिजनों के शवों की तलाश के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने एक बोर्ड पर एक फोटो चस्पा कर दी है. इस फोटो पर भारी बवाल खड़ा हो गया है. […]

मुंबई : केईएम अस्पताल के बाहर भारी अफरा-तफरी का माहौल है. परिजन एलफिन्सटन रोड स्टेशन हादसे में मारे गये अपने परिजनों के शवों की तलाश के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने एक बोर्ड पर एक फोटो चस्पा कर दी है. इस फोटो पर भारी बवाल खड़ा हो गया है.

फोटों में मारे गये लोगों के शव दिखाये गये हैं और इन शवों के माथे पर उनकी शिनाख्त के लिए नंबर चिपकाये गये हैं. शवों को इस तरह से सार्वजनिक करने और उन पर नंबर चिपका देने को लेकर अस्पताल प्रशासन की जमकर आलोचना हो रही है. प्रशासन पर न केवल शवों बल्कि अपने परिजनों को खोने वाले लोगों के प्रति भी भारी संवेदनहीनता माना जा रहा है.

IN PICS : मुंबई में फुटओवर ब्रिज हादसा : 22 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? बारिश, भगदड़ या शॉर्ट सर्किट

केईएम अस्पताल ने दावा किया कि यह उपाय अराजकता से बचने के लिये किया गया था. इसने बताया कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये अस्पताल ने बोर्ड पर मृतकों की तस्वीरें लगायी थीं. इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर नाराजगी जतायी जा रही है और लोग अस्पताल की संवेदनहीनता के लिये उसकी खूब आलोचना कर रहे हैं.

एक यूजर ने ट्वीट किया, क्या केईएम अस्पताल ने मृतकों की पहचान एवं उनकी संख्या गिनने के लिये उनके शरीर पर नंबर लिख दिए हैं? कितना भयावह है. कोई सम्मान नहीं… एक अन्य ट्विटर पोस्ट में लिखा है, भगदड़ दुखद है लेकिन मृतकों को लेकर अधिकारियों का बर्ताव उससे कहीं अधिक दुखद है… अस्पताल प्रशासन ने कहा कि मृतकों की पहचान के लिये उनके परिजनों को सभी 22 शवों को दिखाना उनके लिए बहुत बडा मानसिक आघात होता.

मुंबई हादसा : निशाने पर सरकार, शिव सेना ने भगदड़ को कहा नरसंहार, कांग्रेस ने कहा रेलवे अफसरों पर दर्ज हो हत्या का मुकदमा

केईएम अस्पताल के फॉरेंसिक साइंस विभाग के प्रमुख डॉ. हरीश पाठक ने कहा, यह बेहद अराजक और आपाधापी वाला कार्य हो जाता. बीती शाम उन्होंने एक बयान जारी कर अस्पताल के फैसले का बचाव किया था. बयान के अनुसार, हमने सभी शवों पर संख्या अंकित कर उनकी तस्वीरें उनके परिजनों को दिखाने के लिये लैपटॉप स्क्रीन पर उन्हें प्रदर्शित कर दिया और फिर इसे बोर्ड पर लगा दिया. इसके अनुसार, पोस्टमॉर्टम के बाद संख्या मिटा दी गयी. उन्होंने कहा कि मृतकों की त्वरित, सम्मानजनक और सुचारु रुप से पहचान सुनिश्चित करने के लिये अस्पताल द्वारा अपनाये गये इस वैज्ञानिक तरीके की आलोचना करना अनुचित और मूर्खता होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें