नागपुर : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से देश में शरण लिये हुए रोहिंग्या समुदाय के लोगों पर कोई निर्णय लेने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखने को कहा है. भागवत ने शनिवार को वार्षिक दशहरा आयोजन को संबोधित करते हुए कहा, हम अवैध बांग्लादेशी शरणार्थियों की समस्याओं से जूझते आ रहे है और अब रोहिंग्या समुदाय के लोग देश में घुस आए हैं. आइए जानतें हैं भागवत के बयान की दस बड़ी बातें…
1. भागवत ने कहा कि रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शरण देने से न सिर्फ हमारे रोजगार ढांचें पर दबाव पड़ेगा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न होगा.
2. अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख ने म्यांमार के हिंसाग्रस्त रखाइन प्रांत से भागे लोगों का जिक्र करते हुए कहा, रोहिंग्याओं के संबंध में कोई भी निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे को ध्यान में रखते हुए लिया जाना चाहिए.
3. कश्मीर के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि 1990 में कश्मीर घाटी से विस्थापित हुए लोगों की समस्याओं को हल किया जाना बाकी है. भागवत ने कहा कि संविधान में आवश्यक संशोधन किये जाने चाहिए और उस मामले में पुराने प्रावधानों को बदला जाना चाहिए.
4. आरएसएस प्रमुख ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को लक्ष्य करते हुए कहा, एक बार संविधान में संशोधनों के बाद ही जम्मू कश्मीर के निवासियों को शेष भारत के साथ सम्मिलित किया जा सकता है.
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5. भागवत ने गौ रक्षकों के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि यह निंदनीय है कि कुछ लोगों की गौरक्षकों द्वारा कथित रुप से हत्या कर दी गयी और उस के साथ ही बहुत सारे लोग गौ तस्करों के हाथो मारे गये.
6. भागवत ने कहा कि गौ रक्षा का मुद्दा धर्म से परे है अनेक मुसलानों ने बजरंग दल के लोगों की ही तरह गौ रक्षा के लिए अपनी जानें कुर्बान की हैं.
7. आर्थिक हालात के बारे में भागवत ने कहा लघु, मध्यम उद्योगों और कारोबारों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए क्योंकि ये अर्थ व्यवस्था में सबसे बडा योगदान देते हैं.
8. आतंकियों से सख्ती से निपटने को लेकर भी मोहन भागवन ने सरकार की तारीफ की.
9. डोकलाम विवाद से निपटने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार की तारीफ की.
10. भागवत ने शुक्रवार को भगदड में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की. उन्होंने कहा, हम सब मुंबई हादसे में मारे गये और घायल हुए अपने भाइयों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.