‘‘नक्सलियों के हमले के शिकार बने जवान नियमों का उल्लंघन कर सवार हुए थे एंबुलेंस में’’
रायपुर : छत्तीसगढ में नक्सलियों के गढ माने जाने वाले दरभा घाटी में एक सीआरपीएफ दल के प्रमुख द्वारा एंबुलेंस में सवार होने संबंधी ‘‘शार्टकट’’ फैसले से बल के पांच जवानों और एक असैनिक चालक की मौत हो गयी. वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना को माओवादियों के खिलाफ अभियान में मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) का […]
रायपुर : छत्तीसगढ में नक्सलियों के गढ माने जाने वाले दरभा घाटी में एक सीआरपीएफ दल के प्रमुख द्वारा एंबुलेंस में सवार होने संबंधी ‘‘शार्टकट’’ फैसले से बल के पांच जवानों और एक असैनिक चालक की मौत हो गयी.
वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना को माओवादियों के खिलाफ अभियान में मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) का ‘‘घोर उल्लंघन’’ का नतीजा बताया और कहा कि एक वाहन में सवार होना घातक हमले को आमंत्रित करने के समान था जैसा आज दोपहर में हुआ.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘ यह काफी दुखद घटना है कि जवानों की नक्सलियों के ऐसे कायराना हमले में मौत हो गयी. लेकिन यह मानक संचालन प्रक्रिया का साफ उल्लंघन है. जवानों को एंबुलेंस में सवार होने का शार्टकट (जल्दबाजी में) फैसला नहीं करना चाहिए था.’’ छत्तीसगढ में सीआरपीएफ महानिरीक्षक (अभियान) एच एस सिद्धू ने कहा कि वे अब भी मामले की जांच कर रहे हैं लेकिन जवानों के एंबुलेंस में सवार होने से वे चकित हैं.
सूत्रों ने कहा कि ‘‘108..संजीवनी’’ एंबुलेंस में सवार होने वाले सीआरपीएफ दल के प्रमुख इंस्पेक्टर एम के राय ने सुकमा जिले में दरभा पुलिस स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर पहले सफेद रंग की गाडी को रुकने का इशारा किया था. संभवत: उनकी समझ थी कि वाहन के अंदर उनकी पहचान उजागर नहीं होगी.
गाडी अभी एक किलोमीटर ही आगे गयी थी कि नक्सलियों ने वाहन को निशाना बनाकर विस्फोट किया जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी. मेडिकन वैन में कुल नौ लोग सवार थे.
राय तथा उनके साथ चार जवानों की आईईडी से कराए गए विस्फोट में मौत हो गयी. कुछ मिनट बाद चालक की भी मौत हो गयी. सूत्रों ने कहा कि जवान मतदान कर्मियों के एक काफिले के लिए रास्ते को साफ करने के लिए गए थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दल की सोच थी कि एंबुलेंस में उन्हें आवरण मिल जाएगा लेकिन ये भूल गए कि उनके हरे कपडों से उनकी पहचान नहीं छिप सकती थी.
मामले में कोर्ट आफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं. शेष जवानों की पहचान कांति भाई, सीताराम, एम उमेश और दिनेश के रुप में हुयी है. इस घटना में चालक सेतिया की भी मौत हो गयी.