#GandhiJayanti की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद ने गांधी के अहिंसा, शांति दर्शन पर कही यह बात
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पररविवारको कहा कि उनका अहिंसा और शांति का दर्शन आज के युग में और भी अधिक प्रासंगिक है. उन्होंने देशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा, गांधी जयंती राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और मूल्यों के प्रति फिर से समर्पित होने का अवसर […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पररविवारको कहा कि उनका अहिंसा और शांति का दर्शन आज के युग में और भी अधिक प्रासंगिक है.
उन्होंने देशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा, गांधी जयंती राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और मूल्यों के प्रति फिर से समर्पित होने का अवसर है. राष्ट्रपति ने कहा, सादा जीवन और उच्च नैतिक आदर्श के प्रतिरुप गांधीजी ने अपने नेतृत्व के जरिये देश को एक नयी दिशा दी.
उनका अहिंसा और शांति का दर्शन आज के युग में और भी अधिक प्रासंगिक है. चरखे और खादी के जरिये उन्होंने आत्मनिर्भरता और श्रम की गरिमा का संदेश दिया.
उन्होंने कहा, स्वच्छता केवल सफाई कर्मचारियों और सरकारी विभागों की जिम्मेदारी ही नहीं है. आज भारत स्वच्छता ही सेवा अभियान के जरिये इसके लिए संघर्ष कर रहा है. गांधीजी कहते थे कि स्वच्छता ईश्वर की आराधना के समान ही है.
उन्होंने तीन आयामों स्वच्छ मस्तिष्क, स्वच्छ शरीर और स्वच्छ वातावरण को स्वच्छता के मानदंड में रखा. आइए हम जन स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता और वातावरण की स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध हों.
कोविंद ने कहा, यह एक ऐसा राष्ट्रीय आंदोलन है, जिसमें सभी लोगों की भागीदारी आवश्यक है. स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को हासिल करना गांधी जी की जयंती पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.