चेन्नई : तमिलनाडु की राजनीति में अन्नाद्रमुक में वीके शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरण कोकिनारे किये जाने के बादअबमुख्यमंत्रीइके पलानीसामीऔर डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वमखेमे के बीच पार्टी के अंदर वर्चस्व को लेकररस्साकशी शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं. इसकी शुरुआत पलानीसामीगुट के एक नेता द्वारा चुनाव आयोग को दिये हलफनामे सेहुई है. पलानीसामी गुट के नेता व पूर्व सांसद केसी पलानीसामी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है पार्टी के संविधान के अनुसार, अब संगठन के महासचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाये. उन्होंने शुक्रवार को यह आयोग से यह मांग की है, जिसका खुलासा अब हुआ है. केसी पलानीसामी की इस मांग से ओ पन्नीरसेल्वम गुट असहज हो गया है.
पलानीसामी गुट की इस मांग को पार्टी संगठन पर कब्जे की पहल के रूप में देखा जा रहा है. अन्नाद्रमुक के अंदर महासचिव का पद सबसे ताकतवर होता है और एक तरह से महासचिव पद पर बैठा शख्स मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति पर भी राजनीतिक रूप से भारी पड़ता है. 20 दिन पहले हीअन्नाद्रमुककीआमसभा हुई थी, जिसमेंभ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद वीके शशिकला को अंतरिममहासचिवकेपद सेहटानेकाफैसला पारितहुआथा और यह कहा गया था किउनकीदिवंगत नेताजयललिताही अन्नाद्रमुककीअनंतकालतक महासचिवहैं. इसमें पार्टी संगठन के संचालनके लिएएकसंचालन समिति कागठनकिया गया था.
बहरहाल, केसी पलानीसामी की इस मांग पर डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम के करीबी एक नेता ने कहा है कि इससे आम जनता व पार्टी कैडर में गलत संदेश जायेगा कि पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के बीच मतभेद हैं. हालांकि इस चिंता को खारिज करने ने लिया यह कहा जा रहा है कि केसी पलानीसामी ने वीके शशिकला के महासचिव पद पर नियुक्ति को चैलेंज करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था और उनकी यह नयी पहल भी उसी तरह है.