नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) के गोल्डन जुबली ईयर समारोह का उद्घाटन किया. दिल्ली के विज्ञान भवन में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जीएसटी में संशोधन के संकेत दिये. उन्होंने कहा, जीएसटी में जो भी बदलाव और सुधार करना होगा, सरकार करेगी.
इस दौरान पीएम मोदी ने अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा पर भी बिना नाम लिए जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की निराशा फैलाने की आदत होती है. निराशा फैलाने वालों की पहचान करना बेहद जरूरी है. ऐसे लोगों को निराशा फैलाकर अच्छी नींद आती है. उन्होंने कहा, कौरवों और पांडवों को एक ही शिक्षा मिली लेकिन दोनों के विचारों में अंतर था.
पीएम मोदी ने कहा, कई वर्षों से लटका जीएसटी लागू किया, नोटबंदी लागू करने की हिम्मत भी इस सरकार ने दिखाई. लोग अपनी भावनाओं से विकास को देख रहे हैं. अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर विपक्ष के हमले पर पीएम मोदी ने कहा, पहली बार जीडीपी वृद्धि दर 5.7 फीसदी हुई है क्या?. पिछली सरकार के कार्यकाल में 8 बार जीडीपी वृद्धि दर 5 फीसदी से नीचे पहुंची. उन्होंने कहा, पिछली सरकार के समय 0.2 % तक गिरी थी विकास दर, पुरानी बातों को भूलिए मत.
कंपनी सेक्रटरीज के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, मैंने कभी भी अर्थशास्त्री होने का दावा नहीं किया. पिछली सरकार में तो बड़े-बड़े अर्थशास्त्री थे लेकिन उसका क्या हुआ लाभ. पिछली सरकार ने अपने आखिरी के तीन सालों में नवीकरणीय ऊर्जा पर 4 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे. हमारी सरकार ने अपने तीन साल में इस सेक्टर पर 10 हजार 600 करोड़ रुपयक से भी अधिक खर्च किए हैं.
यह बात सही है कि पिछले तीन वर्षों में 7.5 प्रतिशत की औसत ग्रोथ हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में GDP ग्रोथ में कमी दर्ज की गई, लेकिन यह बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
पीएम मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुनियादी तौर पर मजबूत बताया. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, हम लकीर के फकीर नहीं हैं, न ही हम दावा करते हैं कि सारा ज्ञान हमारे पास ही है. प्रधानमंत्री ने व्यापारियों को निडर होकर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा, इमानदार व्यापारी डरें नहीं, लेकिन बेईमान खबरदार हो जाएं. उन्होंने कहा, मेहनत से कमाये गये एक-एक पैसे की कीमत यह सरकार समझती है. इसलिए सरकार की नीतियों और योजनाओं में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि वो गरीबों और मध्यम वर्ग की जिंदगी तो आसान बनाएं ही, उनके पैसों की भी बचत कराएं.