स्टिंग आॅपरेशन में बड़ा खुलासाः हर टेंडर पर ठेकेदारों से 10 फीसदी कमीशन लेते हैं असम में भाजपा के मंत्री
गुवाहाटीः केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते करीब सवा तीन सालों से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सख्त रुख अपनाये हुए हैं, लेकिन भाजपा शासित राज्य असम में ही पार्टी के मंत्री भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं. असम में एक क्षेत्रीय समाचार चैनल की आेर से किये गये स्टिंग आॅपरेशन में […]
गुवाहाटीः केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते करीब सवा तीन सालों से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सख्त रुख अपनाये हुए हैं, लेकिन भाजपा शासित राज्य असम में ही पार्टी के मंत्री भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं. असम में एक क्षेत्रीय समाचार चैनल की आेर से किये गये स्टिंग आॅपरेशन में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस स्टिंग आॅपरेशन इस बात का खुलासा किया गया है कि भाजपा शासित राज्य असम में हर टेंडर पर भाजपा के ही मंत्री ठेकेदार से 10 फीसदी तक कमीशन लेते हैं. इस स्टिंग आॅपरेशन में असम के तेजपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद आरपी शर्मा ने इस बात का खुलासा किया है.
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इस क्षेत्रीय समाचार चैनल के स्टिंग आॅपरेशन में तेजपुर के भाजपा सांसद आरपी शर्मा ने कहा है कि असम के करीब-करीब सभी मंत्री हर ठेकेदारों से टेंडर आवंटित करने के एवज में करीब 10 फीसदी का कमीशन लेते हैं. इतना ही नहीं, तेजपुर के सांसद ने शर्मा ने राज्य के सिंचार्इ मंत्री रंजीत दत्ता पर यह आरोप भी लगाया है कि उन्होंने टेंडर देने के एवज में अपने ही बेटे से करीब 87 हजार रुपये का कमीशन लिया है.
स्टिंग आॅपरेशन में सांसद शर्मा ने राज्य के मुख्यमंत्री मंत्री सर्वानंद सोनवाल पर भी आरोप लगाया है कि यह समस्या सर्बा दा (सर्बानंद सोनवाल) के साथ भी है आैर उन्होंने कुछ फिक्स कर रखा है. उन्होंने स्टिंग आॅपरेशन में दावा करते हुए आरोप लगाया है कि वे इस बात को गंभीरता से कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि किस मंत्री ने किस आॅफिस में मुझसे कहा.
उन्होंने कहा कि इस समय ज्यादातर मंत्री यहां तक कि परिमल शुक्ल वैद्य समेत सभी ने अपने ठेकेदारों से फिक्स कर रखा है. उनके अपने ठेकेददारों का अर्थ उनके अपने काॅन्ट्रैक्ट से है आैर प्रायः सभी ने अपने-अपने फर्म खोल रखे हैं. प्रायः सभी मंत्रियों के अपने-अपने फर्म हैं. यहां तक कि अब तो विधायकों ने भी इसकी शुरुआत कर दी है.
असम सचिवालय के एक अधिकारी के पास से करीब 40 लाख रुपये पकड़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह अधिकारी मंत्री रंजीत दत्ता का आदमी था. उन्होंने कहा कि वह एक एजेंसी घर से चलाता था आैर दूसरा अपने आॅफिस से. यह कोर्इ यकीन नहीं कर सकता कि रंजीत दत्ता पैसे के लिए यह सब करते हैं. उन्होंने कहा कि इस समय सिंचार्इ विभाग के पास करीब 1900 करोड़ रुपये का काम है, जिसमें से करीब 57 करोड़ रुपये का शेयर (1900×3 भागा 100) शेयर है.
मंत्रियों के कमीशन की सच्चार्इ का दावा करते हुए तेजपुर के सांसद आरपी शर्मा ने कहा कि मंत्री रंजीत दत्ता ने खुद उनके बेटे से 29 लाख रुपये के टेंडर पर 87 हजार रुपये का कमीशन लिया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक आदमी रंजीत दत्ता के साथ रहता है, जो कमीशनखोरी का सौदा करता है.