आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग बढ़ाने पर भारत-यूरोपीय संघ सहमत
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष नेतृत्व के बीच हुई 14वीं शिखर बैठक के दौरान व्यापार एवं सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करते हुए भारत और ईयू ने शुक्रवार को एक आतंकवाद निरोधक घोषणा-पत्र स्वीकार किया. बहरहाल, यूरोपीय परिषद (इसी) […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष नेतृत्व के बीच हुई 14वीं शिखर बैठक के दौरान व्यापार एवं सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा करते हुए भारत और ईयू ने शुक्रवार को एक आतंकवाद निरोधक घोषणा-पत्र स्वीकार किया.
बहरहाल, यूरोपीय परिषद (इसी) के अध्यक्ष डोनाल्ड फ्रांसिसजेक टस्क और ईयू के अध्यक्ष ज्यां-क्लाउड जंकर के साथ मोदी की बैठक में मुक्त व्यापार समझौते पर कोई खास प्रगति नहीं हुई. इस समझौते में पहले ही काफी देर हो चुकी है. शिखर बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा की. रोहिंग्या संकट और कोरियाई प्रायद्वीप में उथल-पुथल भरी स्थिति पर भी चर्चा हुई. ईयू के नेताओं के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, हम अपने सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं. हम इस मुद्दे पर न केवल अपने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेंगे, बल्कि बहुपक्षीय मंच पर अपना सहयोग और समन्वय भी बढ़ायेंगे.
टस्क ने कहा, हमने आतंकवाद से मुकाबले के लिए एक संयुक्त घोषणा-पत्र स्वीकार किया है, जिसमें हम हिंसक चरमपंथ और कट्टरपंथीकरण, खासकर ऑनलाइन, से, मुकाबले और विदेशी आतंकवादी लड़ाकों, आतंकवादियों को धन और हथियार मुहैया कराने के खतरों से प्रभावी तौर पर निपटने पर सहमत हुए. शिखर बैठक के बाद दोनों पक्षों ने तीन समझौतों पर भी दस्तखत किये, जिनमें एक अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन से जुड़ा है. ईयू के भारत में सबसे बड़ा निवेशक होने और भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार होने का जिक्र करते हुए जंकर ने कहा कि ब्रिटेन के 28 देशों के समूह ईयू से चले जाने के बाद भी दोनों पक्षों के समीकरण में कोई बदलाव नहीं होगा. जंकर ने कहा, यह भारत और ईयू के बीच मुक्त व्यापार समझौते का वक्त है. एक बार स्थितियां ठीक हो जाने के बाद और स्थितियां ठीक होने पर ही हम (वार्ता) बहाल करेंगे. शुक्रवार की शिखर बैठक सही दिशा में एक अहम कदम है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के प्रमुख वार्ताकार आनेवाले दिनों में एक साथ बैठेंगे और आगे के कदम पर चर्चा करेंगे.
इससे पहले भारत और आॅस्ट्रेलिया ने आतंकवाद, कट्टरपंथ और साइबर अपराधों से निपटने में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. गृह मंत्रालय ने बताया कि भारत और आॅस्ट्रेलिया की संयुक्त संचालन समिति ने यहां आयोजित अपनी पहली बैठक में मुद्दों पर चर्चा की. गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवाद से मुकाबले और अतिवाद एवं कट्टरपंथ रोकने में सहयोग की संभावना के साथ ही अवैध वित्तीय लेनदेन, जाली नोट और साइबर अपराध रोकने के लिए कदमों पर चर्चा की. इसके साथ ही मानव तस्करी, अवैध मादक पदार्थ की तस्करी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने से जुडे मुद्दों पर भी चर्चा की गयी. बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने संबंधित परिचालात्मक कार्यकारी समूहों की बैठकों के साथ विशिष्ट क्षेत्रों में सहयोग के एजेंडे को आगे बढ़ाने पर सहमति जतायी.
बैठक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से मुकाबले में सहयोग को लेकर दोनों पक्षों के बीच अदान-प्रदान हुए सहमतिपत्र का अनुपालन था. उक्त सहमतिपत्र का अदान-प्रदान आॅस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल की इस वर्ष नयी दिल्ली यात्रा के दौरान हुआ था जिस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत भी हुई थी. भारत और आॅस्ट्रेलिया के प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व क्रमश: गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव टीवीएसएन प्रसाद और आॅस्ट्रेलिया के स्टीफन बाउइज, फर्स्ट असिस्टेंट सेक्रेटरी, इंटरनेशनल एंड आसचेक डिविजन, क्रिमिनल जस्टिस ग्रुप, अटॉर्नी जनरल्स डिपार्टमेंट ने किया.