दारुम उलूम ने जारी किया फतवा, ब्यूटी पार्लर ना जायें महिलाएं, बाल कटना और आईब्रो को शेप देना इस्लाम विरोधी
नयी दिल्ली : दारुम-उलूम देवबंद ने आज मुस्लिम महिलाओं के लिए एक फतवा जारी किया है. जिसमें उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के लिए हेयर कटिंग और आइब्रो को शेप देना प्रतिबंधित किया है. देवबंद से जुड़े मौलाना काजमी ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा बाल कटवाना और अपने आईब्रो को सजाना गलत है. दारूम उलूम […]
नयी दिल्ली : दारुम-उलूम देवबंद ने आज मुस्लिम महिलाओं के लिए एक फतवा जारी किया है. जिसमें उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के लिए हेयर कटिंग और आइब्रो को शेप देना प्रतिबंधित किया है. देवबंद से जुड़े मौलाना काजमी ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा बाल कटवाना और अपने आईब्रो को सजाना गलत है.
Darul-Uloom Deoband has issued fatwa against Muslim women cutting their hair & grooming their eyebrows: Maulana Kazmi of Darul-Uloom Deoband pic.twitter.com/QTdLDriq05
— ANI (@ANI) October 7, 2017
दारूम उलूम ने कहा है कि ऐसा करना इस्लाम विरोधी है, उन्होंने देश की मुस्लिम महिलाओं को आगाह किया कि वे इस तरह के फैशन से खुद को अलग रखें. दारुल उलूम देवबंद के फतवा फैक्टरी के रूप में पहचाने जाने वाली संस्था दारुल इफ्ता की ओर से यह फतवा जारी किया गया है. उर्दू में जारी इस फतवे में दोनों कृत्य को इस्लाम विरोधी बताया गया है और ऐसा करने वाले को इस्लामिक कानून तोड़ने का अपराधी.
दारुल इफ्ता का कहना है कि ऐसे दस काम हैं, जो इस्लाम विरोधी हैं, जिनमें आईब्रो को शेप देना और बाल कटवाना शामिल है. उनका कहना है कि बालों से मुस्लिम महिलाओं की खूबसूरती बढ़ती है, इसलिए इसे काटना गलत है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में पुरूषों के लिए भी दाढ़ी बनाना गलत है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं में ब्यूटी पार्लर जाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, यह सही संकेत नहीं है. इसलिए इसपर तुरंत बैन लगाया जाना चाहिए. मुस्लिम महिलाओं के लिए लिपस्टिक लगाना भी गलत है.
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गौरतलब है कि तीन साल पहले भी देवबंद की ओर से इसी तरह का फतवा जारी किया गया था. लेकिन मुस्लिम महिलाओं ने इस फतवे को नहीं माना. रेहाना खान कहती हैं कि इस तरह के फतवे उनके व्यक्तिगत स्वतंत्रता को चोट करते हैं. इसलिए वे इसका अनुसरण नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आज तीन तलाक को गलत ठहरा दिया है तो फिर इस तरह के फतवों पर वे क्यों ध्यान दें.गौरतलब है कि सरकार ने देश में ‘ट्रिपल तलाक’ को संविधान विरोधी बताया है और सरकार से इसके स्थान पर दूसरा कानून बनाने का आदेश दिया है.