कसौली (सोलन) : कांग्रेस में जब तक मां और बेटे की सत्ता है, तब तक किसी का भला नहीं हो सकता. चाहे जितने भी सक्रिय नेता कांग्रेस में हों, वे अध्यक्ष पद तक नहीं पहुंच सकते हैं. कांग्रेस में परिवारवाद की परिपाटी शुरू से है. यह बात कांग्रेस के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कसौली में कही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में राहुल गांधी या उनकी मां सोनिया गांधी के अलावा कोई तीसरा नेता अध्यक्ष पद की चाह नहीं रख सकता. यह वंशवाद की परंपरा है, जो शायद कभी खत्म नहीं होगी.
अय्यर ने कहा कि कांग्रेस भले ही उन्हें अपना न मानती हो, लेकिन वे जन्म से कांग्रेसी हैं. जब तक सक्रिय रहेंगे, पार्टी में रहकर काम करेंगे. अय्यर ने कहा, कांग्रेस में उनकी हालत वही है, जो भाजपा में यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी या शत्रुघ्न सिन्हा की है. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव लड़ेंगे और इससे मुझे कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद मुझे कोई भी पद मिले, मैं उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करूंगा और कांग्रेस को आगे बढ़ाऊंगा.
अय्यर ने अरुण शौरी को कांग्रेस में आने का निमंत्रण दिया और कहा कि मैं उनका यहां खुले दिल से स्वागत है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी ये नहीं कहा कि चायवाला कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता. मीडिया ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया. मोदी का परिवार कैंटिन चलाता था, लिहाजा वह कभी-कभार वहां जाकर बैठ जाया करते थे.
अय्यर ने इससे पहले भी कांग्रेस में बदलाव की बातकी है. उन्होंने कहा था कि कोई मूर्ख ही ऐसा कह सकता है कि 2019 में नरेंद्र मोदी को अकेले हराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन का यह सही वक्त है. राजनीति में बने रहने के लिए कांग्रेस को दोबारा अपनी रणनीति में बदलाव लाने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा, जरूरत है कि हम एक पार्टी की जगह एक गठबंधन बनायें. उन्होंने सलाह दी कि अगर, 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को पटखनी देनी है तो कांग्रेस को मायावती से हाथ मिला लेना चाहिए. मजबूत क्षेत्रीय नेताओं को आगे नहीं बढ़ा पाना हमारी सबसे बड़ी कमजोरी रही है, जिसकी वजह से हमें लगातार चुनावों में हार झेलनी पड़ी. जीएसटी के तहत 27 वस्तुओं पर कर कम करने के मोदी सरकार के फैसले का अय्यर ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जीडीपी के लिए जीएसटी पर रोलबैक थोड़ा बहुत जरूरी है.