14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मेट्रो को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र में ठनी, विधानसभा में हंगामें के आसार

नयी दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा प्रस्तावित किराये में वृद्धि को लेकर दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार को घेरने का फैसला किया है. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि आप विधायक किराये बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार […]

नयी दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा प्रस्तावित किराये में वृद्धि को लेकर दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार को घेरने का फैसला किया है. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि आप विधायक किराये बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार को दोषी बताते हुए हंगामा करेंगे, साथ ही किराये घटाने का प्रस्ताव भी पास किया जा सकता है. गौरतलब है कि गेस्ट शिक्षकों से संबंधित फाइल को पास करवाने के लिए दिल्ली सरकार ने आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है. इस सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. एक दिन के बढ़े हुए सत्र में मेट्रो किराये को लेकर प्रस्ताव पारित की जा सकती है.

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर एक नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट ने लगायी रोक

दिल्ली मेट्रो परिचालन में 3000 करोड़ का घाटा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो किराया बढ़ोतरी के मामले में आज कहा कि दिल्ली सरकार मेट्रो को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए इसका अधिग्रहण करने के लिए तैयार है. उन्होंने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि परिचालन घाटे का आधा हिस्सा भी आम आदमी पार्टी की सरकार तीन महीने तक चुकाने के लिए तैयार है.केजरीवाल ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को आज लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार मेट्रो के परिचालन घाटे का आधा हिस्सा चुकाने को तैयार है बशर्ते मेट्रो रेल के किराये में इजाफे को रोकने के लिये घाटे के आधे हिस्से की भरपायी केंद्र सरकार भी करे. केजरीवाल ने कहा, अगर केंद्र सरकार राजी होती है, तो दिल्ली सरकार डीएमआरसी का अधिग्रहण करने को इच्छुक है. पुरी ने केजरीवाल को गत शुक्रवार को लिखे पत्र में कहा था कि मेट्रो को सालाना 3000 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा होता है.
दिल्ली सरकार अगर इसकी भरपायी करती है तो किराये में प्रस्तावित बढ़ोतरी को रोका जा सकता है. इसके जवाब में केजरीवाल ने पुरी से दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) में दिल्ली सरकार की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का हवाला देते हुए घाटे का आधा हिस्सा चुकाने की सहमति दे दी है. केजरीवाल ने किराया बढोतरी को गैरजरूरी बताने वाली उनकी दलीलों को पुरी द्वारा गलत बताये जाने से असहमति जताते हुये कहा कि मेट्रो की किराया निर्धारण समिति ने पिछले छह महीने में 82 से 114 प्रतिशत तक किराये में वृद्धि का प्रस्ताव किया है.
केजरीवाल सरकार किराये में वृद्धि को लगातार बना रही है दबाव
इससे यात्रियों पर गैरजरुरी बोझ बढ़ने की दलील देते हुए उन्होंने कहा कि मेट्रो के बढ़ते घाटे से निसंदेह गुणवत्ता पर असर पड़ेगा. लेकिन घाटे की भरपायी में केंद्र और दिल्ली सरकार को मिलकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहियए. उल्लेखनीय है कि समिति की सिफारिश के आधार पर डीएमआरसी ने दस अक्टूबर से प्रस्तावित किराया बढोतरी को लागू करने का फैसला किया है. केजरीवाल सरकार इसे रोकने के लिये केंद्र सरकार पर लगातार दबाब बना रही है. केजरीवाल ने समिति के फैसले को बाध्यकारी बताने की पुरी की दलील को भी गलत बताया है. उन्होंने कहा कि अगर समिति आठ महीने तक किराये में इजाफे के प्रस्ताव को निलंबित रख सकती है तो दिल्ली वालों के हित में दिल्ली सरकार के अनुरोध पर इस मामले का सर्वमान्य हल निकलने तक इसे कुछ महीनों तक और टालने में मेट्रो प्रबंधन को क्या परेशानी है. उन्होंने कहा कि समिति के फैसले को रोकने में कानूनी बाध्यताओं की भी पुरी की दलील मानने योग्य नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जो समिति को सर्वाधिकार सम्पन्न बनाता हो.
दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने केजरीवाल से की मुलाकात
इस बीच डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने आज देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर केजरीवाल से मुलाकात की. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बंद कमरे में हुई इस बैठक का ब्योरा देने से इंकार कर दिया.सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल ने सिंह से प्रस्तावित किराया बढ़ोतरी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटने की दो टूक बात कह दी है. दिल्ली सरकार की दलील है कि डीएमआरसी द्वारा 5 से 21 किमी की यात्रा श्रेणी में 100 प्रतिशत इजाफा किये जाने से मेट्रो के यात्रियों की संख्या कम होगी. क्योंकि इस श्रेणी में सर्वाधिक यात्री सफर करते हैं और शतप्रतिशत किराया बढ़ने से यात्री मजबूरी में मेट्रो की बजाय शेयरिंग कैब का इस्तेमाल करेंगे. इसका सीधा लाभ ओला उबर जैसी निजी कैब कंपनियों को होगा, साथ ही डीएमआरसी का घाटा बढना तय है..

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें