पारसी महिला किसी हिंदू पुरूष से विवाह करे तो उसका धर्म बदलता है या नहीं? अब संविधान पीठ करेगी फैसला
नयी दिल्ली : पारसी विवाह कानून के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मसले को संविधान पीठ के पास भेजा है. जिसमें यह सवाल किया गया है कि क्या किसी हिंदू पुरूष से विवाह करने के बाद किसी पारसी महिला का धर्म परिवर्तन हो जाता है. गौरतलब है कि बंबई उच्च […]
नयी दिल्ली : पारसी विवाह कानून के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मसले को संविधान पीठ के पास भेजा है. जिसमें यह सवाल किया गया है कि क्या किसी हिंदू पुरूष से विवाह करने के बाद किसी पारसी महिला का धर्म परिवर्तन हो जाता है.
Parsi marriage rules case: Supreme Court referred the matter to a five-judge constitution bench
— ANI (@ANI) October 9, 2017
गौरतलब है कि बंबई उच्च न्यायालय ने कहा था कि ऐसा समझा जाता है कि हिंदू पुरुष से विवाह करने के बाद सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरुप पारसी महिला का हिंदू धर्म में धर्मांतरण हो गया होगा. सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ से इसी संबंध में पूछा है कि क्या किसी हिंदू से शादी करने के बाद एक पारसी महिला का स्वत: हिंदू धर्म में धर्मांतरण हो जाता है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मसले पर बेहतर तरीके से बता सकती है, जैसा कि ‘ट्रिपल तलाक’ के मामले में हुआ. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाय चंद्रचूड़ ने कहा कि बड़ी पीठ संस्कृति का अध्ययन यह तय करेगी कि क्या एक महिला का धर्म शादी के बाद स्वत: बदल जाता है.
कोर्ट गोलरोक गुप्ता की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें यह बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गयी है और यह कहा गया है कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत एक पारसी महिला जब हिंदू पुरूष से शादी करती है, तो उसका धर्म स्वत: बदल जाता है.
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