नयीदिल्ली :सुप्रीमकोर्ट ने आज एकअहमफैसले मेंदिल्ली-एनसीआर में दीवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है.शीर्षअदालत ने आज कहा है कि पिछले साल नवंबर में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखों की बिक्री पर उसके द्वारा लगायीगयी रोक 31 अक्तूबर तक जारी रहेगी. न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को अस्थायीरूप से हटाने और पटाखों की बिक्री की इजाजत देने वाला शीर्ष अदालत का 12 सितंबर का आदेश एक नवंबर से लागू होगा. दीवाली 19 अक्तूबर को है और इस आदेश के प्रभावी रहने का मतलब है कि त्योहार से पहले पटाखों की बिक्री नहीं होगी.
वहीं, दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बैन लगाये जाने के बाद लेखक चेतन भगत ने कई ट्वीट किये हैं औरसवाल उठाये हैं. उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्यायह पूर्ण प्रतिबंध है, बच्चेपटाखों के बिना दीवाली कैसे मनायेंगे? उन्होंने ट्वीट किया है – आज अपने ही देश में उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छिन ली, हैप्पीदीवाली मेरे दोस्त. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि दीवाली साल में एक बार मनायी जाती है, क्या इससे प्रदूषण होता है या फिर हर दिन बिना चांज किये प्रदूषकों के द्वारा प्रदूषण होता है. उन्होंने लिखा है कि दीवाली साल में एक दिन आता है और यहहमारा सबसे बड़ा त्यौहार है. उन्होंने लिखा है कि दीवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना क्रिसमस में क्रिसमस ट्रीऔर बकरीद में बकरे पर रोक लगाने कीतरह है. उन्होंने लिखा है कि प्रतिबंध मत लगाइए परंपरा का सम्मान कीजिए.
क्या कहा अदालत ने?
शीर्ष अदालत ने कहा है कि उसने 12 सितंबर के अपने आदेश में परिवर्तन नहीं किया है लेकिन पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले 11 नवंबर 2016 के आदेश को एक और बार आजमाना चाहते हैं. उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2016 में अपने आदेश के जरिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की थोक और खुदरा बिक्री की इजाजत देने वाले लाइसेंसो को रद्द कर दिया था. शीर्ष अदालत ने 12 सितंबर को अपने पहले वाले आदेश को अस्थायी रुप से रद्द करते हुए पटाखों की बिक्री की इजाजत दी थी. अदालत का यह आदेश, नवंबर 2016 के आदेश को बहाल करने की मांग करने वाली याचिका पर आया है.