अहमदाबाद : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमित शाह ने अपनी संपत्ति से संबंधित खबर चलानेवाली न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के संपादक समेत सात लोगों के खिलाफ सोमवार को गुजरात की मेट्रोपोलिटन अदालत में 100 करोड़ रुपये के आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया है. ‘द वायर’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद घाटे में चल रही जय शाह की कंपनी के टर्नओवर में एक साल में 16,000 गुना तक का इजाफा हुआ है. दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमें में उनका प्रतिनिधत्व अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता करेंगे. रिपोर्ट छपने और कांग्रेस के हमले के बाद केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ की रिपोर्ट को मनगढ़ंत और अमित शाह की छवि को नुकसान पहुंचानेवाला करार देते हुए वेबसाइट, वेबसाइट के संपादक और रिपोर्टर के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने का एलान किया था.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एएसजी तुषार मेहता ने जय का पक्ष अदालत में रखने के लिए उपस्थित होने के संबंध में विधि मंत्री रविशंकार प्रसाद से अनुमति मांगी और उन्हें इसकी अनुमति मिल गयी. गोयल ने जोर दिया कि इस रिपोर्ट का मकसद अभद्र उल्लेख के जरिये भाजपा और सरकार को बदनाम करना है. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस बारे में तीखा प्रहार करते हुए दावा किया है कि सरकार को इसकी पूरी जानकारी है, क्योंकि खबर आने से पहले ही एएसजी को इसकी मंजूरी दी गयी. गोयल ने कहा कि इस बारे में जय को एक प्रश्नावली भेजी गयी थी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मेरा विश्वास है कि जय को फंसाया गया है और उन्हें न्याय मिलनी चाहिए. इसमें कोई गलत नहीं है कि सर्वश्रेष्ठ वकील उपस्थित हों. अनुमति प्राप्त करने के बाद एएसजी दो निजी पक्षों के मामले में उपस्थित हो सकते हैं. जय अमित शाह ने इस मामले में रिपोर्ट लिखनेवाले, संपादक और न्यूज पोर्टल के मालिक समेत सात लोगों के खिलाफ गुजरात की मेट्रोपोलिटन अदालत में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया है. जय शाह पर लगाये गये सभी आरोपों को खारिज करते हुए पीयूष गोयल ने कहा था, ये झूठ और पूरी तरह से आधारहीन और दुर्भावनपूर्ण भाव से किये गये अपमानजनक आरोप हैं. हम इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन करते हैं और नकारते हैं.
उधर, जय शाह ने भी अपनी सफाई में कहा कि वेबसाइट ने अपनी स्टोरी में झूठ दिखाने की कोशिश की है. उनकी प्रतिष्ठा को नीचा दिखाने की कोशिश की गयी है. लोगों के मन में ऐसी छवि बनाने की कोशिश की गयी है कि उनके व्यवसाय में सफलता उनके पिता की राजनीतिक हैसियत से मिली है. उन्होंने कहा, मेरा व्यवसाय पूरी तरह से कानून का पालन करता है. जो मेरे टैक्स रिकार्ड और बैंक ट्रांजेक्शन से पता चलता है. किसी कॉपरेटिव बैंक से लोन नियम कानून के हिसाब से लिये गये.
इस बीच, अमित शाह के पुत्र जय की कंपनी के टर्नओवर में भारी इजाफे के दावेवाली रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमले तेज कर दिये और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह शाह को अध्यक्ष पद से हटायें और सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीशों से जांच का आदेश दें. कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को रणनीति के तहत कई राज्यों की राजधानियों में संवाददाता सम्मेलन किये और भाजपा अध्यक्ष पर निशाना साधा तथा प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर बोलने की मांग की. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र के मामले पर प्रधानमंत्री को कुछ बोलना चाहिए. राहुल ने ट्वीट किया, मोदी जी-आप चौकीदार थे या भागीदार? कुछ तो बोलिये. उन्होंने गुजरात में चुनाव प्रचार के दूसरे चरण की शुरुआत इस मुद्दे को उठाते हुए की.
राहुल ने इस मामले पर मोदी से बयान की मांग करते हुए अमित शाह के पुत्र के लिए ‘शाह जादा’ शब्द का इस्तेमाल किया. गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोदी ने राहुल पर कटाक्ष करने के लिए उनके लिए ‘शहजादा’ शब्द का उपयोग किया था. गुजरात के खेडा जिले के कमला गांव में राहुल ने इस मामले को लेकर फिर से भाजपा और मोदी पर निशाना साधा. मोदी के न खाऊंगा, न खाने दूंगावाले बयान का उल्लेख करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, मोदीजी ने एक और बात कही थी कि वह प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते, बल्कि देश के खजाने के चौकीदार बनना चाहते हैं. अब चौकीदार कहां चला गया? उन्होंने कहा, अब अमित शाह के पुत्र की कंपनी 16,000 गुना बढ़ गयी, तो मोदी जी खामोश हो गये.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जय अमित शाह के स्वामित्ववाली कंपनी पर अनियमितता के आरोपों को लेकर निशाना साधा, तो दूसरी ओर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जयपुर में भाजपा पर प्रहार किया. शर्मा ने कहा कि इन दावों को लेकर प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोडनी चाहिए. जय अमित शाह का बचाव करने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल किया कि गोयल एक मंत्री हैं या प्रवक्ता अथवा कारोबारी प्रबंधक हैं? शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, प्रधानमंत्री सभी मुद्दों पर बोलते हैं. वे काफी बोलते हैं. इस मामले की जांच होनी चाहिए. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाये, तब तक उन्हें पद छोड़ देना चाहिए. जैसे लाल कृष्ण आडवाणी, गडकरीजी ने किया था.
जयपुर में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी को अमित शाह को पार्टी अध्यक्ष पद से मुक्त कर देना चाहिए और इस दावे की उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों के आयोग से जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के लिए कठिन होगा, देश उनकी ओर देख रहा है कि क्या वे मित्रता या दलगत राजनीति निभाते हैं अथवा सच्चाई एवं सदाचार का पालन करते हैं. सुरजेवाला ने कहा कि इसमें पारदर्शिता एवं जवाबदेही होनी चाहिए. अगर कोई गलत कार्य नहीं किया तब जांच से कैसा डर. देश विकास के इंतजार में है और जय का विकास हो गया.