आयात घोटाला: बिहार और बंगाल में 10 जगह सीबीआइ के छापे
सीमा-शुल्क उपायुक्त पर मामला दर्ज नयी दिल्ली : सीबीआइ ने सीमा-शुल्क विभाग के एक उपायुक्त के खिलाफ मामला दर्ज किया है. साथ ही बिहार व पश्चिम बंगाल में कई ठिकानों पर छापेमारी की है. इस साल जून में आयातकों को करीब 188 करोड़ रुपये के सामान पर कर का भुगतान नहीं करने की इजाजत देने […]
सीमा-शुल्क उपायुक्त पर मामला दर्ज
नयी दिल्ली : सीबीआइ ने सीमा-शुल्क विभाग के एक उपायुक्त के खिलाफ मामला दर्ज किया है. साथ ही बिहार व पश्चिम बंगाल में कई ठिकानों पर छापेमारी की है. इस साल जून में आयातकों को करीब 188 करोड़ रुपये के सामान पर कर का भुगतान नहीं करने की इजाजत देने के आरोप में उपायुक्त के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. सीमा-शुल्क अधिकारियों की मिलीभगत से देश में कथित अवैध आयात के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिलों और बिहार के 10 जगहों पर छापेमारी की गयी.
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि उपायुक्त नवनीत कुमार, सीमा-शुल्क मूल्य निरुपक (अप्रेजर) विकी कुमार, परीक्षण अधिकारी प्रणबानंद बाला और एक निजी व्यक्ति मोहम्मद नसीरद्दीन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में छापेमारी की गयी.
नसीरद्दीन को छोड़ बाकी सभी आरोपी कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स पर तैनात हैं. सीमा-शुल्क विभाग उपायुक्त और शुल्क निरुपक को पहले ही निलंबित कर चुका है.
सीबीआइ ने यह आरोप भी लगाया गया कि कूरियरों व आयातकों को सिगरेट, स्टेरॉयड, हार्मोन सप्लीमेंट्स, ब्रैंडेड जूते, मोबाइल फोन, महंगी घड़ियां और कैमरे वगैरह जैसे सामान के आयात की अवैध अनुमति दी जाती थी.
सामान की खेप के बारे में आयातकों की ओर से दी गयी गलत जानकारी के आधार पर यह काम हो रहा था. इस घालमेल में सीमा-शुल्क अधिकारियों ने कथित तौर पर आयातकों को न्यूनतम सीमा-शुल्क अदा करने की सुविधा दे रखी थी, जिससे भारत सरकार को बड़े पैमाने पर चूना लगाया जा रहा था.
यह भी आरोप लगाया गया कि कोलकाता स्थित राजस्व खुफिया निदेशालय ने जून 2017 में गलत तरीके से घोषित सामान की खेप का पता लगाया था, जिसकी अनुमानित कीमत 188 करोड़ रुपये थी.