आरुषि हत्याकांड: अब किसी और का ठिकाना हो गया है मकान संख्या एल-32
नोएडा : नोएडा के जलवायु विहार स्थित मकान संख्या एल-32 में अब कोई और परिवार रहता है जहां कभी तलवार परिवार रहता था. इसी घर में वर्ष 2008 में आरुषि तलवार अपने कमरे में मृत मिली थी. गुरुवार को इलाबाहाद उच्च न्यायालय द्वारा राजेश और नुपुर तलवार को आरुषि और घरेलू सहायक हेमराज की हत्या […]
नोएडा : नोएडा के जलवायु विहार स्थित मकान संख्या एल-32 में अब कोई और परिवार रहता है जहां कभी तलवार परिवार रहता था. इसी घर में वर्ष 2008 में आरुषि तलवार अपने कमरे में मृत मिली थी. गुरुवार को इलाबाहाद उच्च न्यायालय द्वारा राजेश और नुपुर तलवार को आरुषि और घरेलू सहायक हेमराज की हत्या के मामले में बरी करने की व्यवस्था दिये जाने के बाद से ही यहां रह रहा परिवार संवाददाताओं और मीडिया की नजर से बचने की कोशिश कर रहा है.
जिद पर अड़े संवाददाता सुबह सात बजे से ही घर के बाहर इस फिराक में जमा हुए थे कि गाजियाबाद की डासना जेल से छूटने के बाद तलवार परिवार शायद अपने घर वापस लौटे. संवाददाता घर के अंदर शूट करने की इजाजत मांगने के लिए बीच-बीच में मकान की घंटी बजाते रहे लेकिन दरवाजा नहीं खुला.
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हार न मानते हुए कुछ छायाकारों ने छत के ऊपर जाने की कोशिश भी की जहां हेमराज का शव मिला था लेकिन वहां भी दरवाजे पर ताला लगा हुआ था. संवाददाताओं की मौजूदगी से वहां के निवासी खासे खफा नजर आ जिन्हें साल 2008 की घटना याद आ गयी जब आरुषि और हेमराज मृत मिले थे. कुछ लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कैमरा हटाने को कह दिया.
बहरहाल, वह लोग भी यह जानने के लिए उत्सुक नजर आए कि नौ साल पहले आखिर आरुषि और हेमराज की हत्या किसने की थी. अपार्टमेंट में रह रहे वायु सेना और नौसेना के कुछ सेवानिवृत अधिकारियों का कहना था कि यह एक परफेक्ट मर्डर था. मोहल्ले के सुरक्षा गार्डों ने बताया कि जेल से छूटने के बाद तलवार दंपती शायद नुपुर तलवार के पिता के घर रहने जाएं जो यहां से कुछ ही दूरी पर रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि तलवार दंपती के घर में फिलहाल किराएदार रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2013 में गिरफ्तारी से पहले तलवार दंपती दिल्ली के हौज खास इलाके में रह रहे थे.