रोहिंग्या मामले पर RSS ने कहा, तय समय के बाद नहीं होना चाहिए भारत में रहने का अधिकार

भोपाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देश में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ की समस्या को गंभीर प्रश्न बताते हुए शनिवार को कहा कि भारत ने अपनी परंपरा के तहत हमेशा शरणार्थियों को आश्रय दिया है, लेकिन एक निश्चित समयावधि के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को यहां रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. संघ के सरकार्यवाह सुरेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2017 8:01 PM

भोपाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देश में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ की समस्या को गंभीर प्रश्न बताते हुए शनिवार को कहा कि भारत ने अपनी परंपरा के तहत हमेशा शरणार्थियों को आश्रय दिया है, लेकिन एक निश्चित समयावधि के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों को यहां रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन यहां संवादाताओं से म्यांतार से रोहिंग्या मुसलमानों की देश में हो रही घुसपैठ के सवाल पर कहा कि रोहिग्या घुसपैठ एक गंभीर सवाल है. रोहिंग्या शरणार्थियों के संबंध में सरकार को नीति बनानी चाहिए, जिसमें उनको शरण देने की नीति, स्थान और अवधि तय हो. एक तय समय के बाद शरणार्थियों को वापस भेजने की व्यवस्था बने.

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रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार से निष्कासित किया जाना एक बड़ा सवाल

भैय्याजी जोशी ने कहा कि सोचना यह चाहिए कि उनको म्यांमार से निष्कासित क्यों किया जा रहा है. कोई भी सरकार दुनिया के नक्शे पर अनावश्यक रूप से कोई द्वेषमूलक कदम नहीं उठाती. इसलिए म्यांमार सरकार को जब अनुभव हुआ कि इनके कारण समस्याएं खड़ी हो रही हैं, तो इनको वहां से निष्कासित किया गया. उन्होंने कहा कि निष्कासित होने के बाद और कहीं तो उनको आश्रय नहीं मिला. उनके पड़ोस में चीन आैर इंडोनेशिया था, लेकिन वे किसी देश में नहीं गये और भारत की सीमा में आ गये. इसलिए समीक्षा इन बिंदुओं को लेकर करनी पड़ेगी कि वहां से उनको पलायन क्यों करना पड़ा, वहां से उनको निष्कासित क्यों किया गया. इसे समझकर ही अपनी भविष्य की नीति बनानी चाहिए.

कहीं सोची-समझी साजिश के तहत तो नहीं आ रहे भारत

उन्होंने कहा कि भारत में जो रोहिग्या आये हैं, वे कहां बसे हैं, इसका जरा हम विचार करें. वे जम्मू आैर हैदराबाद में बसते हैं. कोई भी निर्वासित आता है, तो हमारे भारत की परंपरा है कि हमने ऐसे आये हुए लोगों को ठुकराया नहीं है. यहां पर आश्रय दिया है, लेकिन आने वाले इस प्रकार के जो तत्व हैं, उनकी पृष्ठभूमि समझे बिना अगर हम आश्रय देंगे, तो देश के लिए एक खतरा सिद्ध हो सकता है. उन्होंने कहा कि आये हुए लोगों के आधार कार्ड बन गये, पैन कार्ड बन गये, मतदाता सूची में नाम आ गये. तब लगता है कि वे केवल आश्रय लेने के लिए नहीं आये. किसी योजना आैर षड्यंत्र के तहत वे भारत में स्थान प्राप्त करने के प्रयास में लगे हैं. जोशी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि यहां की व्यवस्था में इस प्रकार की रचना नहीं है कि ठीक प्रकार से उसका परीक्षण किया जा सके.

रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन करने वालों की पृष्ठभूमि को देखने की जरूरत

संघ पदाधिकारी भैय्या जी जोशी ने कहा कि हम सोचते हैं कि किसी भी बाहरी देश के नागरिक को हमारे देश में एक सीमा से अधिक रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. देश में कुछ लोगों द्वारा रोहिंग्या का समर्थन किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो लोग रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन कर रहे हैं, उनकी पृष्ठभूमि भी देखने और समझने की आवश्यकता है.

प्रदूषण फैलाने वाले पटाखोें पर रोक लगाया जाना जायज

सुप्रीम कोर्ट की आेर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखों की बिक्री पर लगाये गये प्रतिबंध के सवाल पर जोशी ने कहा कि इस मामले पर संतुलित तौर पर विचार करने की आवश्यकता है. प्रदूषण बढाने वाले पटाखों पर रोक लगायी जानी चाहिए और जिनसे प्रदूषण नहीं होता है, उन पर रोक नहीं लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कल कोई यह कहे कि दीपावली पर जलने वाले दीये भी प्रदूषण का कारण हैं. तो इसलिए इस पर गंभीरता से संतुलित रूप से विचार करना चाहिए. देश में लागू जीएसटी पर उन्होंने कहा कि सरकार के संबंधित प्रतिनिधि इस पर मंथन कर रहे हैं और जहां आवश्यकता होगी, इसमें सुधार किये जायेंगे.

उद्देश्य पूर्ति तक हो देश में आरक्षण

जोशी ने आरक्षण के विषय में कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने जिस उद्देश्य के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है, उस उद्देश्य की पूर्ति तक आरक्षण रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आरक्षण प्राप्त करने वाले समाज को ही यह तय करना चाहिए कि उसे कब तक आरक्षण की आवश्यकता है.

राम मंदिर के निर्माण पर सवाल सरकार से ही करने चाहिए

केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल पूरे करने के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, धारा 370 हटाने और समान नागरिक संहिता लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सवाल सरकार से किये जाने चाहिए. संघ की बैठक में विचार किये गये मुद्दों में बारे में बताते हुए सरकार्यवाह जोशी ने कहा कि संघ की दो तिहाई शाखाएं गांव में और एक तिहाई नगरों में चलती हैं. चूँकि भारत में लगभग 60 प्रतिशत समाज गांव में बसता है. वर्तमान परिस्थितियों में ग्रामीण परिवेश के समक्ष अनेक प्रकार की चुनौतियां हैं.

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