गुरदासपुर : देशभर के विधानसभा चुनावोंमें जीत का जश्न मना चुकी भाजपाके लिए पंजाब से अच्छी खबर नहीं है. छह महीने पहले हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. अब गुरदासपुर सीट पर एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के आमने – सामने की लड़ाई में सुनील जाखड़ ने लगभग दो लाख मतों से बीजेपी को हराया. विनोद खन्ना के निधन केबाद गुरदासपुर के खाली पड़े सीट मेंहुएचुनावमें कांग्रेस प्रत्याशी सुनील जाखड़ ने भाजपा के उम्मीदवारस्वर्णसिंह सलारिया को1,93,000 वोटों से हरा दिया.
जाखड़ के खिलाफ भाजपा से स्वर्ण सिंह सलारिया खड़े थे. पंजाब में इस चुनाव को अमरिंदर सिंह के छह महीने के शासन के कामकाज से जोड़कर भी देखा जा रहा है. सुनील जाखड़ ने इस उपचुनाव को मोदी सरकार के लिए जनमत संग्रह बताया था. जीत के बाद उन्होंने गुरदासपुर के जनता को संबोधित किया.
Humble gratitude to all the voters who maintained a peaceful environment while voting for bright future of the constituency #Gurdaspur2017 pic.twitter.com/8wwLK0oSJL
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) October 12, 2017
सुनील जाखड़ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हैं और कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाते रहे हैं . पंजाब कांग्रेस में उनकी गिनती पार्टी के कद्दावर नेता में होती है. पंजाब के अबोहार विधानसभा क्षेत्र (2002-2017) तक उन्होंने तीन बार चुनाव जीता है. सुनील जाखड़ पंजाब विधानसभा में 2012-2017 के बीच विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं. एक वेबसाइट के मुताबिक बलराम जाखड़ कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की है. वहीं उनका पेशा कृषि है.सुनील जाखड़ के बड़े भाई सज्जन कुमार जाखड़ भी कांग्रेस नेता हैं और पंजाब में मंत्री रह चुके हैं.
कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ के बेटे हैं सुनील जाखड़
सुनील जाखड़ के पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस नेता थे. दो बार लोकसभा के स्पीकर रह चुके बलराम जाखड़ हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू, संस्कृत समेत कई भाषाओं के विद्वान थे. लोकसभा अध्यक्ष बनने के दौरान उन्होंने संसद में कम्पयूटराइजेशन, रिसर्च लाइब्रेरी बनाने जैसे कई आधुनिकीकरण के काम किये.